वजन घटाने की दवाओं से आंखों को खतरा? नई स्टडी ने किया बड़ा खुलासा

डायबिटीज और मोटापा कम करने के लिए इस्तेमाल हो रही नई पीढ़ी की दवाएं आजकल दुनिया भर में चर्चा में हैं. इन्हें ‘ब्लॉकबस्टर वेट लॉस ड्रग्स’ के नाम से जाना जाता है. लेकिन क्या आपको यह मालूम है कि ये दवाएं आपकी आंखों की सेहत पर असर डाल सकती हैं? हाल ही में JAMA Network Open में छपी दो नई स्टडीज ने इसको लेकर खुलासा किया है, जिसके बाद दुनियाभर में बहस शुरू हो गई है कि क्या सच में यह हमारे आंखों के लिए नुकसानदायक है.
कौन-सी दवाएं हैं चर्चा में?
Semaglutide: यह एक GLP-1 हार्मोन जैसी दवा है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करती है और भूख कम करती है. इसे टाइप-2 डायबिटीज और वजन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
Tirzepatide: यह GLP-1 के साथ GIP हार्मोन की तरह भी काम करती है, जिससे इंसुलिन रिलीज और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है.
किन आंखों की बीमारियों से जुड़ा खतरा?
स्टडीज में इन दवाओं को दो गंभीर आंखों की समस्याओं से जोड़ा गया है:
Diabetic Retinopathy: लंबे समय तक ब्लड शुगर ज्यादा रहने से रेटिना की नसें खराब हो जाती हैं, जिससे अंधापन तक हो सकता है.
NAION (Non-arteritic Anterior Ischemic Optic Neuropathy): आंख की नस में ब्लड फ्लो कम हो जाने से अचानक, बिना दर्द के, विजन लॉस हो सकता है.
रिसर्च में क्या सामने आया?
पहली स्टडी में, टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में GLP-1 दवा लेने वालों की तुलना अन्य दवाएं लेने वालों से की गई. नतीजा GLP-1 दवाओं से Diabetic Retinopathy और NAION का खतरा थोड़ा ज्यादा पाया गया. अच्छी बात यह रही कि इन दवाओं से कुल मिलाकर अंधेपन का खतरा कम था और रेटिनोपैथी की गंभीर दिक्कतों की संभावना भी घटी.
दूसरी स्टडी में, सबसे ताकतवर GLP-1 दवाएं (Semaglutide, Tirzepatide) लेने वालों में NAION और अन्य Optic Nerve Disorders के मामूली बढ़े हुए केस पाए गए. इन दोनों स्टडी ने लोगों को फिर से एक बार सोचने के लिए मजबूर कर दिया है.
रिसर्च की जरूरत क्यों पड़ी?
अगर बात करें कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी, तो करीब 10 साल पहले Semaglutide के शुरुआती ट्रायल में Diabetic Retinopathy का खतरा बढ़ने के संकेत मिले थे. इसके बाद हाई-रिस्क मरीजों को आगे के ट्रायल से बाहर रखा गया और निगरानी बढ़ा दी गई. हाल में एक स्टडी में NAION के केस बढ़ने के बाद दो बड़ी रिसर्च की गईं. यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के मुताबिक, Semaglutide लेने वाले हर 10,000 में से लगभग 1 व्यक्ति में NAION हो सकता है. Tirzepatide के लिए भी इसी तरह की स्टडी जरूरी है.
क्या दवा लेना बंद कर देना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का कहना है नहीं. ये दवाएं डायबिटीज और मोटापे के मैनेजमेंट में गेमचेंजर हैं. साथ ही, हार्ट, किडनी और लिवर हेल्थ पर भी इनका पॉजिटिव असर देखा गया है.
किन बातों का ध्यान रखें?
- जिन लोगों को पहले से Diabetic Retinopathy है, उन्हें दवा शुरू करने या डोज बढ़ाने से पहले और बाद में आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए.
- डोज को धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि ब्लड शुगर में अचानक बदलाव न हो.
- डायबिटीज डॉक्टर और आई-स्पेशलिस्ट के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन रखें.
- भविष्य की सभी GLP-1 दवा ट्रायल में आंखों की सेफ्टी भी शामिल की जानी चाहिए.
ये दवाएं वजन और ब्लड शुगर कंट्रोल में बेहद असरदार हैं, लेकिन आंखों की सेहत के लिए सतर्क रहना जरूरी है. समय-समय पर चेकअप और सही निगरानी से आप इनके फायदे ले सकते हैं और रिस्क को कम कर सकते हैं.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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