Hindustan Aeronautics Limited ने किया Q1 नतीजे का ऐलान, 4 परसेंट तक गिरा कंपनी का मुनाफा

Hindustan Aeronautics Limited Q1 Results: डिफेंस सेक्टर की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को कारोबारी साल 2025-26 की पहली तिमाही में 3.7 परसेंट का घाटा हुआ है. जहां एक साल पहले की जून तिमाही में कंपनी को 1,437 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. वहीं, इस साल की समान तिमाही में 1,383 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. हालांकि, इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू बढ़ा है.
पिछले साल के मुकाबले इतना बढ़ा कंपनी का रेवेन्यू
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 4,819 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में HAL का रेवेन्यू 4,347 करोड़ रुपये रहा था. यानी कि इसमें 10.8 परसेंट का उछाल आया है.
वहीं, ऑपरेश्नल लेवल पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का EBITDA पिछले साल की समान तिमाही के 994 करोड़ से 29.2 परसेंट बढ़कर 1,284.3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जून तिमाही के दौरान EBITDA मार्जिन पिछले कारोबारी साल की पहली तिमाही 22.86 परसेंट से 384 बेसिस पॉइंट बढ़कर 26.7 परसेंट हो गई.
तिमाही के नतीजे की घोषणा के बाद एचएएल के शेयरों में गिरावट जरूर देखी गई, लेकिन जल्दी ही इनमें सुधार आ गया. दिन में कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर हरे निशान में कारोबार करते नजर आए.
Under the leadership of Prime Minister Shri @narendramodi India’s defence production has hit a record high!
The annual defence production has soared to an all-time high figure of Rs 1,50,590 crore in the Financial Year (FY) 2024-25. These numbers indicate a robust 18% growth…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2025
तेजी से आगे बढ़ रहा भारत का डिफेंस सेक्टर
भारत का डिफेंस सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है. हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश का डिफेंस प्रोडक्शन पहली बार 1.5 लाख करोड़ के पार चला गया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका जिक्र करते हुए इस उपलब्धि का श्रेय रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू), अन्य सरकारी स्वामित्व वाले निर्माताओं और निजी उद्योग के संयुक्त प्रयास को दिया.
जहां 2019-20 में भारत का डिफेंस प्रोडक्शन 79,071 करोड़ का था, वह आज 90 परसेंट बढ़कर 1.5 लाख करोड़ के पार चला गया है. वहीं, 2024-25 के 1.2 लाख करोड़ के आंकड़े से यह 18 परसेंट ज्यादा है.
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