मथुरा

‘RLD में टूट को रोकने के लिए जयंत चौधरी भाजपा के साथ आए’, UP के मंत्री ने सुलगाई गठबंधन में…

‘RLD में टूट को रोकने के लिए जयंत चौधरी भाजपा के साथ आए’, UP के मंत्री ने सुलगाई गठबंधन में चिंगारी

चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बड़ा हमला बोलते हुए यह भी कहा कि ‘राष्ट्रीय लोकदल पट्ट पांव का है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष (जयंत चौधरी) समाजवादी पार्टी के साथ जा रहे थे, लेकिन नेताओं को पार्टी से टूटता हुए देखकर यह भाजपा के पास भागते हुए आए थे।

Mathura News : पंचायत चुनावों से पहले मथुरा में अब दो सहयोगी दल भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल के बीच ही विवाद खड़ा होने लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और मथुरा की छाता विधानसभा से विधायक चौधरी लक्ष्मी नारायण ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी और उनकी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने यहां तक दावा किया है कि जो भी रालोद के साथ गया है, उसका बंटाधार हुआ है।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने मथुरा में स्थानीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रीय लोकदल पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, “लोकदल को साथ लेने से भाजपा का बंटाधार हुआ है। भाजपा को कैराना, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद जैसी सीटों पर हार मिली।”

राष्ट्रीय लोकदल पट्ट पांव का- चौधरी लक्ष्मी नारायण

चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बड़ा हमला बोलते हुए यह भी कहा कि ‘राष्ट्रीय लोकदल पट्ट पांव का है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष (जयंत चौधरी) समाजवादी पार्टी के साथ जा रहे थे, लेकिन नेताओं को पार्टी से टूटता हुए देखकर यह भाजपा के पास भागते हुए आए थे। अपनी पार्टी में टूट को रोकने के लिए जयंत चौधरी भाजपा के साथ आए थे।”

यह भी पढ़ें : रक्षाबंधन पर योगी सरकार का रिकॉर्ड : दो दिन में 50 लाख यात्रियों ने की बस यात्रा

उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकदल के कार्यकर्ता और उसका वोटर कभी भी भाजपा को वोट नहीं देगा।

लोकदल के नेताओं में पनप रहा आक्रोश

इधर, लोकदल से भीतर अब चौधरी लक्ष्मी नारायण के खिलाफ आवाज उठने लगी है। उनके बयान का पुरजोर विरोध हो रहा है। इसी क्रम में लोकदल के मथुरा जिला कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें पूर्व मंत्री तेजपाल सिंह भी शामिल हुए।

कितनी बदलेगी सियासत?

फिलहाल, मथुरा जिले में भाजपा और लोकदल के नेताओं की यह तकरार ऐसे समय उभर रही है, जब जिला पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियों ने पूरा जोर पकड़ लिया है। साथ में, पंचायत चुनाव भी अगले साल की शुरुआत में होने लगभग तय हैं। बहरहाल, देखना होगा कि मथुरा में उभरती इस विवादित राजनीति का असर उत्तर प्रदेश की पूरी सियासत पर कितना होता है?

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में ग्रामीण घरौनी दस्तावेज अब आसानी से होंगे अपडेट, कैबिनेट ने नए बिल को दी मंजूरी

Related Articles

Back to top button