केसी वेणुगोपाल का दावा- ‘त्रासदी के करीब था एअर इंडिया का विमान’, अब डीजीसीए ने दिया बयान

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को कहा कि एअर इंडिया की तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही उड़ान को विमान के मौसम रडार में खराबी की आशंका के कारण रविवार (10 अगस्त, 2025) शाम को चेन्नई में सुरक्षित उतारा गया था. डीजीसीए का यह बयान तब आया है, जब विमान में सवार कुछ सांसदों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई
रविवार को एअर इंडिया ने कहा था कि उड़ान संख्या एआई 2455 को तकनीकी खराबी की आशंका के चलते चेन्नई की ओर मोड़ा गया. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.सी. वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह उड़ान खतरनाक रूप से त्रासदी के बेहद करीब पहुंच गई थी.
विमान मार्ग परिवर्तन को लेकर राजनीतिक विवाद
विमान का मार्ग परिवर्तित किए जाने की घटना को लेकर राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने सोमवार को कहा कि वेणुगोपाल ने दावा किया है कि एअर इंडिया की उड़ान को चेन्नई में ‘लैंडिंग’ रोकनी पड़ी, क्योंकि रनवे पर दूसरा विमान था और वहीं, एयरलाइन ने तुरंत ही इसका खंडन किया है तो दोनों में से कोई एक तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहा है.
इसी पृष्ठभूमि में डीजीसीए ने सोमवार को इस घटना पर विस्तृत बयान जारी कर कहा कि उड़ान के दौरान ए-320 विमान वीटी-टीएनएल को मध्यम स्तर के टर्बुलेंस (हवा की गति में परिवर्तन होने के कारण विमान को झटके लगना) का सामना करना पड़ा.
मौसम रडार में खराबी की आशंका
विमानन नियामक ने कहा, ‘चालक दल ने देखा कि मौसम रडार पर दिखाई दे रही मौसम संबंधी जानकारी सटीक नहीं है. मौसम रडार में खराबी की आशंका के कारण विमान को चेन्नई की ओर मोड़ा गया.’ उसने कहा कि इंजीनियरिंग जांच के दौरान कोई कमी नहीं पाई गई, लेकिन एहतियात के तौर पर ‘डब्ल्यूएक्स मौसम रडार ट्रांसरीसीवर को बदल दिया गया.’
बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त ईंधन जलाकर अधिक वजन के साथ हवाई अड्डे पर उतरने से बचने के लिए विमान ने हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) की अनुमति से चेन्नई से 25 समुद्री मील उत्तर-पूर्व दिशा में रात 21:25 बजे से 22:08 बजे तक 43 मिनट तक हवा में चक्कर लगाए.
रनवे के बाईं ओर मलबा होने की सूचना
डीजीसीए ने कहा, ‘जब विमान को चेन्नई के रनवे 25 पर उतरने की अनुमति दी गई तो 22:19 बजे एटीसी ने विमान को न उतरने के लिए कहा, क्योंकि प्रस्थान कर रही गल्फ एयर की उड़ान जीएफए053 (चेन्नई-बहरीन) ने रनवे के बाईं ओर मलबा होने की सूचना दी थी. एप्रन कंट्रोल ने रनवे की जांच की और कुछ नहीं पाया गया.’
नियामक ने कहा, ‘इसके बाद विमान को हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति दी गई और विमान ने भारतीय समयानुसार 22:39 बजे सुरक्षित लैंडिंग की.’ एअर इंडिया की उड़ान एआई 2455 रविवार को शाम 19:15 बजे प्रस्थान करने वाली थी, लेकिन दिल्ली से विमान के देर से पहुंचने के कारण यह 49 मिनट देरी से रवाना हुई और तिरुवनंतपुरम से 20:04 बजे उड़ान भरी.
बेंगलुरु के बजाय चेन्नई मोड़ा गया विमान
सोमवार को एअर इंडिया ने कहा कि तिरुवनंतपुरम-दिल्ली उड़ान के क्रू ने सभी प्रोटोकॉल का पालन किया और पहली बार उतरने का प्रयास रनवे पर संदिग्ध बाहरी मलबा होने की सूचना के कारण रोकना पड़ा. एयरलाइन ने कहा कि विमान को चेन्नई की ओर मोड़ने का फैसला एक एहतियाती कदम था और यह यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संदिग्ध तकनीकी समस्या के चलते लिया गया. उड़ान को बेंगलुरु के बजाय चेन्नई मोड़ा गया, क्योंकि चेन्नई में मौसम साफ था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के. सी. वेणुगोपाल ने रविवार रात दावा किया था कि उन्हें और कई अन्य सांसदों को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली ला रहा एअर इंडिया का विमान त्रासदी के बेहद करीब पहुंच गया था.
कांग्रेस नेता के कथन का एअर इंडिया ने दिया जवाब
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लगभग दो घंटे तक उतरने की अनुमति का इंतजार करते हुए हम हवाई अड्डे के ऊपर चक्कर लगाते रहे और उसके बाद जब पहली बार हवाई अड्डे पर उतरने की कोशिश की गयी तो एक दिल दहला देने वाला क्षण आया और बताया गया कि एक और विमान रनवे पर मौजूद है. क्षण भर में कैप्टन की सूझ-बूझ से विमान ने ऊपर उड़ान भर ली और सभी की जान बचा ली. दूसरे प्रयास में विमान सुरक्षित उतरा.’
वेणुगोपाल को ‘एक्स’ पर जवाब देते हुए एअर इंडिया ने कहा, ‘हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि चेन्नई की ओर मार्ग परिवर्तन संदिग्ध तकनीकी समस्या और खराब मौसम के कारण एहतियातन किया गया था.’
विमानन सुरक्षा सर्वोपरि
मालवीय ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में एअर इंडिया के जवाब को टैग करते हुए कहा, ‘विमानन सुरक्षा सर्वोपरि है और जिम्मेदार माने जाने वाले लोगों की सोशल मीडिया पोस्ट को अनदेखा नहीं किया जा सकता. यदि आरोप सही है तो चेन्नई एटीसी और एयर इंडिया को इसका जवाब देना होगा. यदि नहीं तो वेणुगोपाल को इसके परिणाम भुगतना चाहिए, जिसमें झूठी जानकारी फैलाने के लिए उन्हें ‘नो-फ्लाई’ सूची में डाला जाना भी शामिल है.’
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