शिक्षा

CBSE का बड़ा बदलाव, 2026 से 9वीं में ओपन बुक एग्जाम; अब रटना नहीं समझना होगा जरूरी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के लिए पढ़ाई का तरीका बदलने की बड़ी पहल की है. बोर्ड ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE 2023) के तहत कक्षा 9 में ओपन बुक असेसमेंट (OBA) को लागू करने की मंजूरी दे दी है. यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू होगा. इस योजना के तहत साल में तीन बार पेन-पेपर परीक्षा होगी, जिसमें भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय शामिल रहेंगे.

क्यों जरूरी है ओपन बुक असेसमेंट?

एनसीएफएसई 2023 का मकसद है कि छात्रों को रटने की आदत से बाहर लाकर, उन्हें सोचने-समझने और विषय की गहराई में जाने के लिए प्रेरित किया जाए. पारंपरिक परीक्षा में जहां बच्चे पढ़कर याद करते हैं और वही लिख देते हैं, वहीं ओबीए में उन्हें किताब के साथ सवाल हल करने का मौका मिलेगा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि परीक्षा आसान हो जाएगी, बल्कि यहां जवाब देने के लिए समझ और विश्लेषण की क्षमता ज्यादा जरूरी होगी.

पायलट प्रोजेक्ट में क्या पता चला?

इससे पहले एक पायलट स्टडी की गई, जिसमें छात्रों के प्रदर्शन का बारीकी से विश्लेषण किया गया. इसमें क्रॉस-कटिंग टॉपिक्स यानी ऐसे विषयों पर फोकस किया गया जो अलग-अलग विषयों से जुड़े हों. अतिरिक्त पढ़ाई की सामग्री से बचते हुए, छात्रों को उनके सिलेबस के आधार पर परखा गया. इस दौरान छात्रों के स्कोर 12% से 47% के बीच रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ओबीए से छात्रों की सोचने और सवाल हल करने की क्षमता में सुधार देखा गया.

शिक्षक क्या कहते हैं?

अध्ययन के दौरान शिक्षकों से भी राय ली गई. ज्यादातर शिक्षक इस नए तरीके के पक्ष में दिखे. उनका कहना है कि ओबीए छात्रों को केवल याद करने की बजाय विषय को समझने की ओर ले जाएगा. हालांकि, कुछ शिक्षकों ने यह भी माना कि शुरुआत में कुछ छात्रों को इस पैटर्न में एडजस्ट करने में मुश्किल हो सकती है.
ओबीए के लिए साफ और संतुलित प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे, ताकि सभी छात्रों के लिए परीक्षा का स्तर एक जैसा हो.

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छात्रों को होगा क्या फायदा?

  • कम होगा परीक्षा का डर – किताब खुली होने से छात्रों पर तुरंत याद करने का दबाव कम होगा.
  • सोचने की क्षमता बढ़ेगी – बच्चे केवल उत्तर याद नहीं करेंगे, बल्कि समझकर हल करेंगे.
  • असली जिंदगी में इस्तेमाल सीखेंगे – जो कुछ पढ़ा है, उसे वास्तविक स्थितियों में लागू करने का मौका मिलेगा.
  • रटने की आदत घटेगी – विषय की गहरी समझ विकसित होगी, जो लंबे समय तक काम आएगी.

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