जोकोविच बोले- महिलाओं को क्यों मिलनी चाहिए पुरुषों जितनी प्राइज मनी?

इंडियन वेल्स (कैलिफोर्निया).‘टेनिस में पुरुषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा प्राइज मनी मिलनी चाहिए।’ वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अपने इस बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनसे ठीक पहले इंडियन वेल्स मास्टर्स टूर्नामेंट के चीफ एग्जीक्यूटिव रेमंड मूर ने कहा कि महिला टेनिस प्लेयर को हर रात घुटनों के बल बैठना चाहिए। इन दोनों बयानों के बाद सेरेना विलियम्स भड़क गईं। क्या बोलो जोकोविच, क्या था सेरेना का जवाब…
– 11 बार के ग्रैंड स्लैम विनर सर्बियाई स्टार जोकोविच ने सोमवार को एक इवेंट में कहा कि महिला टेनिस खिलाड़ियों को जितनी प्राइज मनी मिलनी चाहिए, वह उन्हें मिल रही है। लेकिन पुरुष ज्यादा प्राइज मनी के हकदार हैं। पुरुषों का गेम फैन्स को ज्यादा अट्रैक्ट करता है।
मूर ने क्या कहा?
– साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी रहे रेमंड मूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘यदि मैं महिला टेनिस प्लेयर होता, तो हर रात को घुटनों के बल बैठकर भगवान का शुक्रिया अदा करता कि रोजर फेडरर और राफेल नडाल का जन्म हुआ और वे इस खेल को आगे बढ़ा रहे हैं।’
– हालांकि तुरंत बाद मूर ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि वे किसी का अपमान नहीं करना चाहते थे। उन्होंने मजाक में यह बात जर्नलिस्ट्स से कह दी थी।
भड़कीं सेरेना ने क्या कहा?
– सेरेना ने जोकोविक और मूर को अपने जवाब में कहा, ‘महिला खिलाड़ी भला घुटने पर बैठकर ऐसा क्यों करें। कोई भी महिला किसी पुरुष के सामने घुटनों के बल क्यों बैठे? मुझे कई लोग कहते हैं कि यदि मैं और मेरी बहन वीनस खेलना बंद कर देंगी तो वे ट‍ेनिस नहीं देखेंगे। महिलाओं का मैच देखने के लिए पुरुष ज्यादा एक्साइटेड होते हैं।’
कब से मिली बराबरी?
– दरअसल, टेनिस में पहली बार 1973 में अमेरिकी ओपन में महिलाओं को पुरुषों के बराबर प्राइज मनी मिली थी।
– इसके लिए उस वक्त की महिला चैंपियन बिली जीन किंग ने आवाज उठाई थी।
– हालांकि ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में सबसे आखिर में विंबलडन में इसे लागू किया जा सका। वहां 34 साल बाद महिला-पुरुषों को एक जैसी प्राइज मनी दी गई।
– एथलेटिक्स में पहली बार 1995 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहली बार समान इनामी राशि दी गई।
– इसी साल िफगर स्केटिंग में इसे अपनाया गया। जबकि लंदन मैराथन के पहले इवेंट (1981) से ही एक जैसी प्राइज मनी दी गई।
क्या है बाकी खेलों का हाल?
– 2014 के एक सर्वे में पाया गया था कि 35 में से 25 स्पोर्ट्स में पुरुषों और महिलाओं को बराबर प्राइज दिए जाते हैं।
– टूर डी फ्रांस (साइक्लिंग), क्लिफ डाइविंग, डार्ट, सर्फिंग, स्नूकर, गोल्फ, स्क्वैश, स्कीइंग, क्रिकेट और फुटबाॅल की प्राइज मनी में बड़ा फर्क है।
– गोल्फ के ओपन चैंपियनशिप में विनर को इस साल 1.15 मिलियन पाउंड (11 करोड़ रुपए) मिलेंगे। जबकि महिला विनर को 298,000 पाउंड (2.85 करोड़ रुपए) से ही संतोष करना पड़ेगा।
– स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेल विनर को 300,000 पाउंड (2.87 करोड़ रु.) मिलेंगे। जबकि महिला विनर को 1,500 पाउंड (करीब 1.44 लाख रु.) ही मिलेंगे।
प्राइज मनी में बड़ा फर्क
क्रिकेट वर्ल्ड कप
पुरुष :2.5 मिलियन पाउंड यानी करीब 23. 94 करोड़ रुपए।
महिला :0.047 मिलियन पाउंड यानी 38.30 लाख रुपए।
फुटबॉल वर्ल्ड कप
पुरुष :22 मिलियन पाउंडयानी 210.67 करोड़ रुपए।
महिला :0.63 मिलियन पाउंड यानी 6.03 करोड़ रु.।