राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं की मारपीट पर भड़के प्रशांत किशोर, अमित शाह से कहा- ‘जब बच्चे मारे गए…

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित सीतामढ़ी दौरे पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अमित शाह, नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी चुनाव के अलावा एक रात भी बिहार में नहीं गुजारते हैं. प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में मंगलवार (6 अगस्त) को सीतामढ़ी के डुमरा फुटबॉल ग्राउंड में बिहार बदलाव जनसभा करने पहुंचे.
उन्होंने राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस कार्यकर्ताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा, ”बिहार की जनता की ओर से मेरा अमित शाह से सवाल है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है और बिहार के युवाओं को वहां के लुंपेन एलिमेंट्स ने मारा है. अमित शाह ने इसपर कोई बयान क्यों नहीं दिया? बिहार के बच्चे जब महाराष्ट्र में मारे गए तब आप मुंह नहीं खोल रहे थे, अब वोट लेने के लिए सीतामढ़ी में आकर भाषण देंगे. इसे कोई मानने वाला नहीं है.”
SIR पर प्रशांत किशोर क्या बोले?
चुनाव आयोग के SIR मामले में बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के कहने पर चुनाव आयोग यहां के गरीब-वंचित और मुसलमानों का नाम काटने की कोशिश कर रहा है. लेकिन किसी को डरने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आपके पास आधार है तो आपको वोट देने का अधिकार है. चुनाव आयोग किसी की नागरिकता तय नहीं कर सकता है. जिनका नाम कटेगा, उनके लिए हमलोग लड़ेंगे, लेकिन नाम कटने के बाद भी जितने लोग बच जायेंगे, वही बीजेपी को हराने के लिए काफी हैं.
डोमिसाइल नीति पर भी दिया बयान
प्रशांत किशोर ने आगे बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होने को बिहार सरकार का झूठा प्रचार बताया. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को बेवकूफ़ बना रही हैं. बिहार में अभी सिर्फ TRE-4 के लिए डोमिसाइल में बदलाव को सूचित किया गया है. इससे पहले 3 लाख शिक्षकों की बहाली हो गई, जिसमें ज्यादातर बिहार से बाहर के लोगों का हो गया. 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की लालच में डोमिसाइल नीति बदली और बिहार के बच्चों का हक छीनकर दूसरे राज्य के लोगों को बिहार में नौकरी दे दिए. अब बिहार में विधानसभा चुनाव है तो कह रहे हैं कि TRE-4 में डोमिसाइल के लिए बदलाव किया जाएगा. लेकिन यह नहीं बता रहे कि इसमें कितना परसेंट बिहार के लोग रहेंगे. अगर डोमिसाइल लागू हो रहा है तो बिहार के सौ प्रतिशत बच्चों को नौकरी मिलना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार के युवाओं को समझना होगा कि जन सुराज के सिर्फ खड़े होने भर से डरकर यह सब हो रहा है. अगर बिहार में जन सुराज की सरकार बन गई तो फिर जनता के लिए क्या-क्या फायदा होगा. सरकार की घोषणाओं का क्रेडिट कोई भी ले, लेकिन बिहार के लोग जानते हैं कि 20 साल से कुछ नहीं हो रहा था. अब सरकार के मन में लोगों का डर है कि पेंशन बढ़ रहा है, मानदेय बढ़ रहा है और डोमिसाइल नीति बदल रही है.