जैक मा की कंपनी एंट फाइनेंशियल पेटीएम से बाहर निकली, 3803 करोड़ रुपये में बेची 5.84% हिस्सेदारी

नई दिल्ली । अरबपति जैक मा की एंट फाइनेंशियल ने मंगलवार को पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में अपनी पूरी 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 3,803 करोड़ रुपये में बेच दी। इस बिकवाली के बाद, एनएसई पर वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर 1.45 प्रतिशत गिरकर 1,062.60 रुपये प्रति शेयर पर आ गए, वहीं बीएसई पर कंपनी का शेयर 1.23 प्रतिशत गिरकर 1,065 रुपये प्रति शेयर पर आ गया।
एंट ग्रुप ने अपनी सहयोगी कंपनी एंटफिन (नीदरलैंड्स) होल्डिंग बीवी के माध्यम से नोएडा स्थित वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर बेच दिए हैं। एंट ग्रुप, जिसे पहले एंट फाइनेंशियल के नाम से जाना जाता था, चीनी समूह अलीबाबा ग्रुप की एक सहयोगी कंपनी है।
एक समीक्षित टर्म शीट के अनुसार, बिक्री में वन97 कम्युनिकेशंस में 37.3 मिलियन या 3.73 करोड़ इक्विटी शेयर या 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। ये शेयर 1,020 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेचे गए, जो सोमवार को एनएसई पर पेटीएम के बंद भाव 1,078.20 रुपये से 5.4 प्रतिशत तक की छूट दशार्ता है।
टर्म शीट के अनुसार, न्यूनतम मूल्य पर सौदे का आकार लगभग 3,803 करोड़ रुपये (लगभग 434 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आंका गया है। गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया इस सौदे के लिए प्लेसमेंट एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं।
यह लेन-देन पूरी तरह से द्वितीयक प्रकृति का है और एनएसई और बीएसई पर एक या एक से ज्यादा शेयरों की बिक्री के जरिए हुआ। यह लेन-देन क्लीन-अप ट्रेड के तौर पर किया गया था और इसमें कोई लॉक-अप क्लॉज लागू नहीं है। जून तिमाही के अंत में, एंटफिन (नीदरलैंड्स) होल्डिंग बीवी के पास पेटीएम में 5.84 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
इस बीच, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और उनके परिवार के सदस्य विदेशी इकाई रेजिलिएंट एसेट मैनेजमेंट बीवी के मालिक हैं, जो वन97 कम्युनिकेशंस में संयुक्त रूप से 19.31 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हुए सबसे बड़े शेयरधारक हैं।
इसके अतिरिक्त, बीएसई पर शेयरधारिता आंकड़ों के अनुसार, हांगकांग स्थित निजी इक्विटी फर्म सैफ पार्टनर्स के पास अपने दो सहयोगियों के माध्यम से जून 2025 तक पेटीएम में 15.34 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस वर्ष मई में, चीनी फिनटेक दिग्गज एंट ग्रुप ने वन97 कम्युनिकेशंस में 2.55 करोड़ से अधिक शेयर या 4 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,103 करोड़ रुपये में बेच दी थी।