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भारत पर टैरिफ लगाकर ट्रंप ने कर लिया अपना ही नुकसान, अब अरबों डॉलर का हो सकता है घाटा

India Export to America: भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला अब उन्हीं पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. थिंक टैंक GTRI ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने के चलते कारोबारी साल 2025-26 में अमेरिका के लिए भारत के निर्यात में 30 परसेंट तक की गिरावट आ सकती है और इसी के साथ यह सिमटकर 60.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक रह जाएगा. 

दूसरे एशियाई देशों से भारत पर ज्यादा टैरिफ 

भारत पर अमेरिका का लगाया गया 25 परसेंट टैरिफ दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले ज्यादा है. चीन पर लगाए गए 30 परसेंट टैरिफ के बाद भारत इस मामले में दूसरे स्थान पर है. जबकि वियतनाम (20 परसेंट), बांग्लादेश (18 परसेंट), इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस (19 परसेंट) और जापान और दक्षिण कोरिया (15 परसेंट) जैसे दूसरे एशियाई देशों में भारत के मुकाबले कम टैरिफ लगाया है. 

ऐसे निर्यात को मिल सकता है बढ़ावा 

रिपोर्ट में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार को हेल्प डेस्क बनाने, व्यापार समझौतों का रणनीतिक रूप से इस्तेमाल करने, नए एक्सपोटर्स को शामिल करने और  ब्याज समानीकरण योजना को फिर से शुरू करने का सुझाव दिया गया है. इसमें निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण के लिए सब्सिडी मिलती है. इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल, 2015 से की गई थी. 

दबाव में भारत के ज्यादातर सेक्टर्स 

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि इससे कुछ अपवादों को छोड़कर भारत के अधिकतर सेक्टर्स के निर्यात को नुकसान पहुंचने की संभावना है. अमेरिका ने फिलहाल फार्मास्यूटिकल्स, एनर्जी प्रोडक्ट्स और सेमीकंडक्टर पर टैरिफ नहीं लगाया है, लेकिन इनके अलावा दूसरे भारतीय सामानों पर दबाव बना रहेगा.

नतीजतन, अमेरिका को भारत का निर्यात – जो वर्तमान में इसका सबसे बड़ा निर्यात बाजार है – लगभग 30 परसेंट घटकर वित्त वर्ष 2025 में 86.5 अरब अमेरिकी डॉलर से वित्त वर्ष 2026 में लगभग 60.6 अरब अमेरिकी डॉलर रह जाने का अनुमान है. इसका फायदा पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देश उठा सकते हैं. 

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