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कालेश्वरम परियोजना: जस्टिस पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट आई सामने, KCR को अनियमितताओं के लिए पाया…

तेलंगाना की महत्वाकांक्षी कालेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन परियोजना को लेकर जस्टिस पीसी घोष आयोग की हालिया रिपोर्ट ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. यह रिपोर्ट शुक्रवार (1 अगस्त, 2025) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और जल संसाधन मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी को सौंपी गई. आयोग ने परियोजना के निर्माण में कई खामियों और अनियमितताओं को उजागर किया है, जिसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

जस्टिस पीसी घोष आयोग ने मेडिगड्डा, अन्नाराम और सुंदिल्ला बैराजों के निर्माण में डिजाइन, गुणवत्ता और वित्तीय अनियमितताओं की जांच की. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कालेश्वरम परियोजना, जिसे “तेलंगाना की जीवन रेखा” के रूप में शुरू किया गया था, जनता के धन की भारी बर्बादी बन गई.

न्यायिक आयोग ने अनियमितताओं के लिए इन सभी पर लगाए आरोप

आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को तीन बैराजों की योजना, निर्माण, पूर्णता, संचालन और रखरखाव में अनियमितताओं और अवैधताओं के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया. इसके अलावा, केसीआर के भतीजे और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव, ईटाला राजेंद्र, पूर्व मुख्य सचिव एसके जोशी, स्मिता सभरवाल, पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ मुरलीधर, बी. हरी राम और अन्य इंजीनियरों को भी जिम्मेदार माना गया.

कांग्रेस ने बीआरएस पर 1 लाख करोड़ की अनियमितता का लगाया आरोप

आयोग ने परियोजना के निर्माण में बीआरएस सरकार की ओर से जल्दबाजी और तकनीकी खामियों को जिम्मेदार ठहराया. विशेष रूप से, मेडिगड्डा बैराज के पिलरों के ढहने की घटना ने परियोजना की गुणवत्ता पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने दावा किया कि बीआरएस सरकार ने परियोजना को एटीएम बनाकर 1 लाख करोड़ रुपये की कथित अनियमितताएं कीं.

केसीआर ने आरोपों को बताया राजनीति से प्रभावित

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, “कालेश्वरम परियोजना में हुई अनियमितताओं को उजागर करना हमारा वादा था. जस्टिस घोष की रिपोर्ट इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.” दूसरी ओर, बीआरएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया. उन्होंने कहा, “कालेश्वरम परियोजना तेलंगाना के लिए गर्व का विषय है. यह किसानों के लिए जीवन रेखा है और इसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.”

विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी आयोग की रिपोर्ट

आयोग ने पूर्व मंत्री हरीश राव और केसीआर से पूछताछ की, जिसमें परियोजना के निर्णयों और वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए गए. हरीश राव ने दावा किया, “हमने परियोजना को पारदर्शी तरीके से लागू किया और यह किसानों के लिए वरदान साबित हुई है.” हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत कर बीआरएस को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

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