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ट्रंप ने रूस के पास तैनात की न्यूक्लियर सबमरीन, भड़का क्रेमलिन, वॉर्निंग देते हुए बोला- युद्ध की धमकी मत दो

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच विवाद के चलते रूस ने परमाणु बयानबाजी को लेकर सतर्कता बरतने की अपील की है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने सोमवार को कहा कि रूस परमाणु अप्रसार को गंभीरता से लेता है और सभी पक्षों को इस विषय में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए.

दिमित्री मेदवेदेव की चेतावनियों से नाराज ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को रूस के निकट ‘उचित क्षेत्रों’ में तैनात करने का आदेश दे दिया है. यह फैसला उन्होंने मेदवेदेव के ‘भड़काऊ और मूर्खतापूर्ण’ बयानों को गंभीरता से लेते हुए लिया.

मेदवेदेव की धमकी और ट्रंप की प्रतिक्रिया
मेदवेदेव ने ट्रंप को चेतावनी दी थी कि हर नया अल्टीमेटम युद्ध की ओर एक कदम है. ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन में संघर्षविराम की समयसीमा 50 दिनों से घटाकर 10–12 दिन कर दी थी, जिसे लेकर मेदवेदेव ने नाराजगी जताई.

रूस की प्रतिक्रिया और वाइटकॉफ की मॉस्को यात्रा
रूस ने ट्रंप के विशेष दूत स्टीव वाइटकॉफ की मास्को यात्रा का स्वागत किया. पेस्कोव ने कहा, ‘हम हमेशा वाइटकॉफ को मॉस्को में देखकर खुश होते हैं. ऐसे संपर्क महत्वपूर्ण और मददगार होते हैं.’ उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संभावित मुलाकात के संकेत भी दिए.

अमेरिका के पास कितनी और कैसी परमाणु पनडुब्बियां हैं?
अमेरिकी नौसेना के बेड़े में तीन प्रकार की परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां शामिल हैं.

1. बैलेस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN) – ये पनडुब्बियां परमाणु हथियारों से लैस होती हैं और दुश्मन को रणनीतिक रूप से डराने का काम करती हैं.
2. अटैक पनडुब्बी (SSN) – ये तेज़ रफ्तार पनडुब्बियां दुश्मन के जहाजों और अन्य पनडुब्बियों को नष्ट करने के लिए बनाई गई हैं.
3. गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी (SSGN) – इनमें लंबी दूरी की मिसाइलें होती हैं, जो किसी भी टारगेट को दूर से निशाना बना सकती हैं.

ट्रंप की चेतावनी- ‘खतरनाक इलाके में घुस रहे हैं मेदवेदेव’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव की चेतावनियों पर बुरी तरह भड़क उठे. ट्रंप ने कहा, ‘रूस के असफल पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव, जो अब भी खुद को राष्ट्रपति मानते हैं, उन्हें कोई समझाए कि वह अपने शब्दों पर ध्यान दें. वह बहुत खतरनाक एरिया में घुस रहे हैं.’


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