पीएम शरीफ ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को ‘ऐतिहासिक’ बताया, ट्रंप की भारत को चिढ़ाने की कोशिश

नई दिल्ली । भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की खबरों के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच हुए ऐतिहासिक व्यापार समझौते के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद दिया। लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन जैसे खूंखार आतंकी को पालने वाले देश के पीएम ने यह भी उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों (अमेरिका-पाकिस्तान) के बीच सहयोग बढ़ेगा।
ट्रम्प ने बुधवार को बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वे दक्षिण एशियाई देश के “विशाल तेल भंडार” को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। इस दौरान ट्रंप ने भारत को चिढ़ाने की भी कोशिश की।
पाकिस्तान लंबे समय से अपने तट पर बड़े तेल भंडार होने का दावा करता रहा है, लेकिन इन भंडारों का इस्तेमाल करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। देश वर्तमान में अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मध्य पूर्व से तेल आयात करता है।
प्रधानमंत्री शरीफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “मैं ऐतिहासिक अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसे कल रात वाशिंगटन में दोनों पक्षों की ओर से सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाया गया।” उन्होंने कहा, “यह ऐतिहासिक समझौता हमारे बढ़ते सहयोग को बढ़ाएगा, जिससे आने वाले दिनों में हमारी स्थायी साझेदारी की सीमाओं का विस्तार होगा।”
सरकारी रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, यह सफलता वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब की वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर के साथ हुई बैठक के दौरान मिली। ट्रुथ सोशल पोस्ट में ट्रम्प ने कहा, “हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।”
पाकिस्तान के साथ समझौते का एलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चिढ़ाने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा, “हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जाने, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!” रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, बाजार पहुंच का विस्तार करना, निवेश आकर्षित करना और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
इसमें कहा गया है, “इस समझौते के परिणामस्वरूप, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को पाकिस्तानी निर्यात पर पारस्परिक शुल्क में कमी आएगी। यह समझौता विशेष रूप से ऊर्जा, खनन और खनिज, आईटी, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग के एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है।”