खेल समाचार

वैश्विक कुश्ती संस्था ने बजरंग को किया निलंबित

डोप परीक्षण कराने से इनकार करने पर हुई कार्रवाई

नई दिल्ली। कुश्ती की वैश्विक संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने डोप परीक्षण कराने के लिए इनकार करने पर बजरंग पूनिया को अस्थायी तौर पर निलंबित करने के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के फैसले के बाद उन्हें साल के अंत तक निलंबित कर दिया है। हालांकि, हैरानी भरे फैसले में नाडा के निर्णय की जानकारी होने के बावजूद भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने बजरंग की विदेश में ट्रेनिंग के लिए लगभग नौ लाख रुपये की राशि स्वीकृत की। देश के सबसे सफल पहलवानों में से एक बजरंग को नाडा ने 23 अप्रैल को निलंबित किया था। उन्हें इससे पहले 18 अप्रैल को रहने के स्थान संबंधी नियम के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया गया था।
अपने बचाव में टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने कहा था कि उन्होंने कभी परीक्षण के लिए नमूना देने से इनकार नहीं किया लेकिन डोप नियंत्रण अधिकारी से सिर्फ इतना पूछा कि वह नमूना लेने के लिए लाई गई ‘एक्सपायर्ड किट’ के बारे में विस्तार से बताए। बजरंग ने बताया कि उन्हें यूडब्ल्यूडब्ल्यू से निलंबन के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन वैश्विक संचालन संस्था ने अपनी आंतरिक प्रणाली में अपडेट करते हुए स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है कि वह निलंबित हैं।
बजरंग के नवीनतम परिचय के अनुसार, ‘उपरोक्त कारण से 31 दिसंबर 2024 तक निलंबित।’ इसमें कहा गया है, ‘कथित एडीआरवी (डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन) के लिए नाडा भारत द्वारा अस्थायी तौर पर निलंबित।’ दिलचस्प बात यह है कि मिशन ओलंपिक प्रकोष्ठ (एमओसी) को 25 अप्रैल की उसकी बैठक में सूचित किया गया कि बजरंग को रूस के दागेस्तान में 28 मई से ट्रेनिंग के उनके प्रस्ताव के लिए उड़ान किराए (वास्तविक) के अलावा आठ लाख 82 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
एमओसी बैठक की जानकारी के अनुसार बजरंग का शुरुआती प्रस्ताव 24 अप्रैल से 35 दिवसीय ट्रेनिंग का था लेकिन रहने के स्थान संबंधी नियम में विफलता के कारण विरोधाभासी यात्रा तारीखों को देखते हुए उन्होंने अपनी यात्रा को 24 अप्रैल 2024 से 28 मई 2024 तक टालने का फैसला किया। इस प्रस्ताव में उनके स्ट्रैंथ एवं अनुकूलन कोच काजी किरोन मुस्तफा हसन और उन्हें ट्रेनिंग कराने वाले जोड़ीदार जितेंदर की यात्रा भी शामिल थी।

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