भारत रचेगा नया रिकॉर्ड, वैश्विक मंच पर बनेगा दूसरा सबसे बड़ा प्रतिनिधि देश

भारत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने को तैयार है। टाइम्स हायर एजुकेशन के मुताबिक, भारत 2026 की वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व वाला देश बनने जा रहा है। यह घोषणा संस्था के चीफ ग्लोबल अफेयर्स आॅफिसर फिल बैटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर की।
फिल बैटी ने बताया कि 2020 में जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति लॉन्च की गई थी, तब कई लोगों ने इसे बहुत महत्वाकांक्षी और असंभव बताया था। लेकिन महामारी जैसी चुनौतियों के बावजूद, आज पांच साल बाद यह स्पष्ट है कि यह नीति न सिर्फ लागू हुई है, बल्कि सकारात्मक परिणाम भी दे रही है।
भारतीय उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, शोध की गुणवत्ता सुधारने और वैश्विक भागीदारी को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इम्पैक्ट रैंकिंग से सततता रेटिंग्स तक
2026 से टाइम्स हायर एजुकेशन की इम्पैक्ट रैंकिंग को नए नाम से पेश किया जाएगा- सततता इम्पैक्ट रेटिंग्स। इसमें संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों के आधार पर यूनिवर्सिटीज की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी का मूल्यांकन होगा। यह मूल्यांकन यूनिवर्सिटीज की शिक्षण गुणवत्ता, रिसर्च, सामुदायिक सेवा और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग जैसी सैकड़ों कसौटियों पर आधारित होगा।
आंकड़ों की जबानी भारत की सफलता
2019 में: भारत की केवल 49 यूनिवर्सिटीज रैंकिंग में शामिल थीं (लगभग 4%)
2026 में: यह संख्या बढ़कर 128 यूनिवर्सिटीज हो जाएगी (लगभग 6%)
यह उपलब्धि दिखाती है कि भारत की यूनिवर्सिटीज ने अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी डेटा संकलन, आॅडिटिंग, और सहभागिता जैसे पहलुओं को गंभीरता से अपनाया है।
अब केवल संख्या नहीं, गुणवत्ता में भी आगे भारत
बढ़ती भागीदारी के साथ-साथ शोध गुणवत्ता, शिक्षण स्तर और वैश्विक भागीदारी के पैमानों पर भी भारत लगातार सुधार कर रहा है। यूनिवर्सिटीज अब वैश्विक शोध समुदाय का अभिन्न हिस्सा बन रही हैं, जहां रिसर्च सहयोग और टैलेंट एक्सचेंज से वे और आगे बढ़ेंगी।