केजरीवाल के पीए बिभव कुमार बर्खास्त

2007 के केस में दिल्ली विजिलेंस का एक्शन
आदेश में तत्काल प्रभाव से बिभव कुमार की नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। हालांकि, आम आदमी पार्टी की लीगल टीम बिभव की बर्खास्तगी के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में जाने की योजना बना रहे हैं। लीगल टीम इस बात पर मंथन कर रही है कि किस आधार पर उक्त आदेश को चुनौती दी जा सकती है। AAP की कानूनी टीम के अनुसार, बिभव CAT के सामने जो मुद्दे रखेंगे, उसमें इस आदेश का समय और विजिलेंस के आदेश को असंवैधानिक करार देना शामिल होगा। आदेश के मुताबिक 2007 में महेश पाल नाम के एक सरकारी कर्मचारी ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके काम में बाधा डाली और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। विजिलेंस ने आदेश में कहा कि बिभव कुमार के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। आदेश में यह भी कहा गया कि वैरिफिकेशन में चूक से मंत्रियों, सांसदों के निजी स्टाफ में ऐसे व्यक्तियों की नियुक्ति हो सकती है, जो पात्र नहीं हैं। यह खतरनाक है, क्योंकि संवेदनशील जानकारी और डेटा तक भी ऐसे व्यक्तियों की पहुंच हो सकती है।
2 दिन पहले हुई थी बिभव और दुर्गेश से पूछताछ
2 दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच के बाद विभव कुमार और आप विधायक दुर्गेश पाठक से पूछताछ की थी। ED ने सोमवार को बिभव से पूछताछ शुरू कर दी थी। इससे पहले फरवरी में, ED ने भी बिभव से पूछताछ की थी और धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनके बयान दर्ज किए थे।