चीन के दबाव में सांस्कृतिक मंच हुआ राजनीति का शिकार, बदला गया ताइवान का झंडा और नाम
टोक्यो । जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित इंटरनेशनल कोयर प्रतियोगिता एक बड़े राजनीतिक विवाद में घिर गई है। ताइवान ने इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में चीन द्वारा राजनीतिक दबाव डालने पर कड़ा विरोध जताया है। ताइवान का आरोप है कि चीन के हस्तक्षेप के बाद आयोजकों को उनके देश का झंडा हटाना पड़ा और नाम बदलकर चाइनीज-ताइपेई कर दिया गया। इस घटना से न केवल कलाकारों की भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि सांस्कृतिक मंच पर राजनीतिक दखल की आलोचना भी तेज हो गई है।
प्रतियोगिता में ताइवान के छह कोयर ग्रुप शामिल थे, जिनमें स्कूली बच्चों से लेकर वयस्क कलाकार शामिल थे। आयोजकों पर चीन के अधिकारियों ने दबाव डाला कि ताइवान का नाम बदलकर ‘चाइनीज-ताइपेई’ किया जाए और राष्ट्रीय ध्वज हटाया जाए। ताइवान के प्रतिनिधि कार्यालय को शनिवार शाम इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद एक विधायक को इस मुद्दे पर आयोजकों से बातचीत के लिए भेजा गया।
जापान के सांसद केइजी फुरुया ने ताइवान की तरफ से आयोजकों से बात की और उसका पक्ष रखा। लेकिन आयोजकों ने अंतत: चीन के दबाव में आकर सभी झंडे हटा दिए और नाम बदल दिए। ताइवान के कार्यालय ने कहा कि यह केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम था, जिसे राजनीतिक दखल से दूषित किया गया। इससे पहले छह वर्षों तक ताइवान इसी नाम से प्रतियोगिता में भाग लेता रहा है।
ताइवान के प्रतिनिधि कार्यालय ने बयान में कहा कि संगीत राष्ट्रीय सीमाओं से परे होता है और यह सभी के लिए आनंद का माध्यम है। उन्होंने कहा कि चीन ने इस कला रूप को भी विकृत कर दिया और यह निंदनीय है। उन्होंने युवा कलाकारों के समर्थन में 16 प्रतिनिधियों की एक टीम को कार्यक्रम में भेजा, ताकि उनका हौसला बना रहे।
जापान में ताइवान के प्रतिनिधि ली यी-यांग ने कहा कि हालिया सर्वे बताते हैं कि जापानी जनता ताइवान को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश मानती है, जबकि चीन को लेकर उनकी धारणा नकारात्मक है। उन्होंने कहा कि चीन की ऐसी रणनीतियां केवल उसके असली चेहरे को उजागर करती हैं और दुनिया ताइवान के साथ खड़ी होती है।
प्रतिनिधि ली ने आगे कहा कि ताइवान अपनी लोकतांत्रिक पहचान, सांस्कृतिक उपलब्धियों और कलाकारों की प्रतिभा के जरिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान अर्जित करता रहेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन के दबाव के बावजूद, ताइवान के कलाकार अपना परिचय दुनिया को अपने प्रदर्शन के माध्यम से कराते रहेंगे।
प्रतियोगिता में शामिल युवा कलाकारों ने ना सिर्फ शानदार प्रस्तुति दी, बल्कि राजनीतिक तनाव के बीच भी अपने आत्मबल को बनाए रखा। ताइवान ने यह स्पष्ट किया कि वह अपने सांस्कृतिक मंचों पर इस प्रकार की राजनीतिक दखलअंदाजी को कभी स्वीकार नहीं करेगा और दुनिया भर में अपनी सृजनात्मक पहचान को और मजबूत करेगा।