धर्मांतरण केस- दिल्ली से रेस्क्यू की लड़की का बड़ा खुलासा:इस्लाम क्यों बेहतर, ये शाहीन बाग में सिखाते, जो हिंदू धर्म नहीं छोड़ती, उनके साथ रेप

आगरा। आगरा की दो बहनों के धर्मांतरण के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली से अरेस्ट अब्दुल रहमान को पुलिस ने 14 दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया है। उसके चंगुल से हरियाणा की एक दलित लड़की को भी रेस्क्यू किया गया था। अब वो सरकारी गवाह बन गई हैं, पुलिस और अळर ने इस लड़की के जरिए इस गैंग के फरार सदस्य जुनैद तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पुलिस जांच में धर्मांतरण के केस में शाहीन बाग का कनेक्शन भी सामने आया है। लड़की ने पूछताछ में बताया- मुझे दिल्ली के शाहीन बाग के एक हॉस्टल में रखकर ब्रेनवॉश किया जा रहा था। अब्दुल रहमान कुरैशी मुझे अपने घर पर लेकर गया था, वहीं पर धर्मांतरण कराया। जुनैद से मेरा निकाह करा दिया। फिर मुझे कोलकाता भेजने की तैयारी थी।
लड़की ने बताया- उस हॉस्टल में कई लड़कियां थी। मगर किसी से शारीरिक संबंध नहीं बनाए जाते थे। ताकि वो सब वहां सुरक्षित महसूस करें। सिर्फ उन्हीं लड़कियों का रेप होता था, जो इस्लाम कबूल नहीं करती थी।
पुलिस ने पूछा- ये जुनैद कौन है? लड़की ने कहा- 2019 में फेसबुक पर मेरी दोस्ती दिल्ली के जुनैद से हुई थी। धीरे-धीरे मैं उससे अपनी परेशानियां शेयर करने लगी। मेरे पिता फैक्ट्री में काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है। जुनैद मुझसे मिलने की जिद करता था, मगर मैं मिलने नहीं जाती थी।
नवंबर 2024 को मेरे परिवार ने मेरी शादी तय कर दी। 25 नवंबर की मेरी शादी होनी थी। यह जानकारी मैंने जुनैद को दी, तब उसने मुझ पर दबाव बनाया। उससे कहा कि मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। अल्लाह के लिए तुम सब छोड़कर मेरे पास आ जाओ।
जुनैद की बातों में आकर मैंने शादी से 12 दिन पहले घर छोड़ दिया, दिल्ली आ गई। जुनैद ने मुझे शाहीन बाग के एक हॉस्टल में ठहराया। वहां एक मौलाना आए, वो मुझे इस्लाम के बारे में बताने लगे। कहा कि हिंदू धर्म में कुछ नहीं रखा। फिर एक लड़की को मेरे पास भेजा गया। उसने कुछ इस्लामिक वीडियो मुझे दिखाए।
पुलिस ने पूछा- फिर धर्मांतरण कैसे हुआ? लड़की ने बताया- जुनैद ही मुझे अब्दुल रहमान के घर लेकर गया था। अब्दुल ने समझाया। वह अपने सवालों में यह जानने का प्रयास करता था कि कितना ब्रेन वॉश हुआ है।
लड़की ने कहा- मेरा खर्चा जुनैद ही उठाता था। मुझे घर की याद आती थी, मगर जुनैद ने किसी भी तरह का संपर्क करने से रोक रखा रखा था। कहा था कि उसके लिए मुसीबत हो जाएगी। अप्रैल, 2024 में मेरा निकाह जुनैद से करा दिया गया। निकाह के बाद भी जुनैद ने अपने साथ नहीं रखा। अब्दुल रहमान ने कह दिया था कि अभी दोनों को दूर रहना है। उसे बड़ी जिम्मेदारी देने की बात करते थे।
धर्मांतरण के बाद अब्दुल रहमान ने उसका नाम शिफा रख दिया था। जुनैद पहले से शादीशुदा है। एक बच्चे का पिता है। यह जानकारी उसे पहले से थी। अब्दुल रहमान ने बताया था कि उनके धर्म में सब जायज है। प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं होता है।
पुलिस ने लड़की से पूछा- क्या वहां और लड़कियां भी थी? लड़की ने बताया- मुझे लंबे समय तक शाहीन बाग, दिल्ली के एक हॉस्टल में रखा गया था। उस हॉस्टल में और भी युवतियां थीं। किसी को किसी से बात करने की अनुमति नहीं रहती है। दिन भर मेरे दिमाग में हिंदू धर्म के लिए जहर घोला जाता था। दूसरे समाज की युवतियां मुझे घेरकर अपने धर्म की अच्छाइयां बताती थीं। वहां यही डेली रूटीन रहता था। ये सब तब तक चलता है, जब तक आप खुद इस्लाम के लिए खुद को समर्पित न कर दें।
लड़कियां कहती थी- कयामत आ जाएगी। सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। मेरे घरवालों पर विपत्तियों को पहाड़ टूट पड़ेगा। ये सब सुनकर मैं डर जाती थी।