स्टैंडअप इंडिया योजना से उद्यमियों को मिल रहा बढ़ावा, एससी-एसटी व महिलाओं को ?29,000 करोड़ के ऋण मंजूर
नई दिल्ली । केंद्र सरकार की स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत अप्रैल 2022 से मार्च 2025 तक अनुसूचित जाति (रउ), अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को लगभग 29,000 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलावर को संसद में यह जानकारी दी।
सीतारमण ने कहा कि वित्तीय सहायता के अलावा, यह योजना हाशिए पर पड़े वर्गों को मार्गदर्शन, प्रशिक्षण औरर विशिष्ट विशेषज्ञता प्रदान करती है। इसमें कौशल केंद्र, मेंटरशिप सहायता, उद्यमिता विकास कार्यक्रम केंद्र, जिला उद्योग केंद्र शामिल है।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस अवधि में कुल 1,26,508 ऋण खातों को स्वीकृति दी गई। इनमें से 86,738 खाते महिला उद्यमियों के थे, जिन्हें ?20,521.41 करोड़ के ऋण मिले। एससी वर्ग के 30,145 खातों को ?6,437.59 करोड़ और एसटी वर्ग के 9,625 खातों को ?2,037.15 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए।
स्टैंड-अप इंडिया योजना 5 अप्रैल, 2016 को शुरू की गई थी। स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच मूल्य के ऋण प्रदान करना है। यह विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने और कृषि से संबद्ध गतिविधियों के लिए प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को प्रदान किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि संभावित उधारकतार्ओं को ऋण के लिए बैंकों से जोड़ने के अलावा, आॅनलाइन पोर्टल ने संभावित एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को व्यवसाय उद्यम स्थापित करने के उनके प्रयास में मार्गदर्शन प्रदान किया। इसमें प्रशिक्षण से लेकर बैंक की आवश्यकताओं के अनुसार ऋण आवेदन भरने तक की सुविधा शामिल है।