आगरा में ‘द केरल स्टोरी’ की तरह बहनों का धर्मांतरण:पश्चिम बंगाल से इनपुट मिलने के बाद 7 स्टेट में छापेमारी, 10 लोगों की गिरफ्तारी

आगरा । फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की तरह आगरा की बहनों का धर्मांतरण कराया गया था। पश्चिमी बंगाल में सगी बहनों का सुराग मिलने के बाद आगरा पुलिस एक साथ सात राज्यों में छापेमारी कर रही है।
बैरकपुर (कोलकाता) से दो, समस्तीपुर, ऋषिकेश (उत्तराखंड) से एक, बरेली (उत्तर प्रदेश) से एक व राजस्थान से एक आरोपित को उठाया गया है। बैरकपुर में पकड़े गए आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। तीन दिन की ट्राजिक्ट रिमांड मिली है। पुलिस उन्हें आगरा लेकर आ रही है।
सदर निवासी पंजाबी समाज की एक युवती का ब्रेन वॉश किया गया था। उसका धर्मांतरण कराया गया था। गैंग की सदस्य उधमपुर (जम्मू कश्मीर) निवासी साईमा उर्फ खुशबू उसे वर्ष 2021 में अपने साथ लेकर गई थी। खुशबू खंदारी कैंपस में पढ़ाई कर रही थी। रास्ते में लैंड स्लाइड हो गया था।
पुलिस की सूचना पर युवती के परिजन वहां पहुंचे थे। बेटी को घर ले आए थे। बेटी की हरकतों ने घरवालों के होश उड़ा दिए थे। वह पूजापाठ का विरोध करती थी। इस्लाम की पैरवी करती थी। बड़ी बहन ने छोटी बहन का भी ब्रेन वॉश कर दिया था। 24 मार्च 2025 को दोनों बहनें घर से चली गई थीं।
चार मई को इस मामले में सदर थाने में अपहरण की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। चार मई को सदर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने इस पर संज्ञान लिया था। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार खुद पूरे मामले को देख रहे थे। एडीसीपी सिटी आदित्य के नेतृत्व में सात टीमें बनाई गई थीं। सर्विलांस, साइबर सेल से पुलिस को अहम जानकारियां मिलीं। उसके बाद पुलिस की छापेमारी शुरू हुई है।
पुलिस की एक टीम बैरकपुर (कोलकाता) गई थी। पहली सगी बहनों की जानकारी जुटाई। उन्हें सुरक्षित किया। उसके बाद बैरकपुर छावनी में बकर महल निवासी शेखर रॉय उर्फ हसन अली को पकड़ा। आरोपी बारासात अदालत में कर्मचारी है। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने बैरकपुर के माणिकरामपुर इलाके में दबिश दी।
वहां से रीत बनिक उर्फ मोहम्म्द इब्राहिम को पकड़ा। दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने तीन दिन की ट्रांजिक्ट रिमांड दी। टीम दोनों को लेकर आगरा आ रही है। पुलिस की एक टीम ऋषिकेश (उत्तराखंड) के समस्तीपुर में दबिश दी।
वहां से रहमान नाम के व्यक्ति को पकड़ा। उसे भी आगरा लाया जा रहा है। एक टीम ने बरेली में दबिश दी। राजस्थान में एक भी एक आरोपित को पकड़ा गया। दबिश का दौर अभी जारी है। इस मामले में बड़ा खुलासा होगा। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी में जुटी हैं।
उसे विदेशों से फंडिंग थी। आगरा पुलिस जिस गैंग को बेनकाब करने वाली है उसकी जड़ें भी बहुत गहरी हैं। प्रारंभिक छानबीन में विदेशों से फंडिंग के सुगरा मिले हैं। वर्ष 2015 से गैंग युवक और युवतियों का धर्मांतरण करा रहा है।
धर्मांतरण के लिए इस तरह ब्रेन वॉश किया जाता था कि धर्मांतरण के बाद युवक और युवतियां गैंग की सदस्य बन जाती थीं। खुद गैंग के लिए काम करने लगती थीं।
इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं। गैंग हाईटेक है। पढ़ने लिखने वाले युवक-युवतियां निशाने पर रहते हैं। उन्हें प्रलोभन दिया जाता है। हाईटेक तरीके से सोशल मीडिया पर भी मुहिम चलाई जाती है।
पुलिस को जानकारी मिली है कि गैंग के सदस्य धर्मांतरण के लिए युवतियों को जाल में फंसाते थे। जो युवतियां गैंग के चंगुल से निकलने का प्रयास करती थीं उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता था। फिल्म द केरल स्टोरी की कहानी इस गैंग के काम करने के अंदाज से बहुत मिलती जुलती है।