शिवरात्रि के दिन इतने बजे तक करें शिवलिंग का जलाभिषेक व पूजा, फिर लग जाएगा भद्रा का साया

सावन माह बेहद शुभ माह में गिना जाता है, मान्यता है कि यह पूरा माह भगवान शिव के प्रति समर्पित है। इस माह में ही शिवरात्रि भी आती है,जो शिवभक्तों के लिए बेहद खास होती है क्योंकि कावड़िएं शिवजी को हरिद्वार से लाए गंगाजल से इसी दिन अभिषेक कराते हैं। इस बार सावन में शिवरात्रि के दिन भद्रा लग रही है।
कब है शिवरात्रि?
पंचांग के मुताबिक, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 23 जुलाई की प्रात: 04.39 बजे से होगा, जो दूसरे दिन 24 जुलाई की देर रात 02.28 बजे समाप्त होगा।
कब लगेगी भद्रा?
पंचांग के मुताबिक, शिवरात्रि पर भद्रा का समय प्रात: 5 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। सावन में चंद्रमा जब मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो स्वर्ग लोक में भद्रा वास करेंगी और जब कर्क राशि में होती है तो पृथ्वी लोक में भद्रा लगती है। 23 जुलाई को सुबह 11 बजे तक मिथुन राशि में रहेंगे, ऐसे में तबतक स्वर्ग लोक में भद्रा लगी रहेगी और फिर 11.00 बजे के बाद चंद्रमा मिथुन राशि से कर्क राशि में जाएंगे तो पृथ्वी लोक की भद्रा लग जाएगी।
स्वर्गे भद्रा शुभं कुर्यात पाताले च धनागम।
मृत्युलोक स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी ।।
संस्कृत ग्रंथ पियूष धारा के अनुसार, यानी जब भद्रा का वास स्वर्ग लोक या पाताल लोक में होता है तब वह पृथ्वी लोक पर शुभ फल देती है।
कितने बजे तक की जा सकती है पूजा?
ऐसे में 23 जुलाई को शिवलिंग पर जलाभिषेक या शिव पूजा के लिए 11.00 बजे तक समय है क्योंकि भद्रा स्वर्ग लोक हैं तो वह पृथ्वी लोक पर बुरा प्रभाव नहीं डालती हैं। इसके अलावा, अगर आप ब्रह्म मुहूर्त यानी प्रात: 4 बजकर 15 मिनट से प्रात: 4 बजकर 56 मिनट तक शिव पूजा करना चाहे हैं तो कर सकते हैं। इसके साथ ही, दोपहर 3.31 बजे के बाद आप शिवपूजा कर सकते हैं।
अन्य शुभ मूहूर्त
निशिता काल पूजा- रात 12.07 बजे से रात 12.48 बजे तक
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा- शाम 07.17 बजे से रात 09.53 बजे तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा- रात 9.53 बजे से रात 12.28 बजे तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा- रात 12.28 बजे से 24 जुलाई प्रात: 03.03 बजे तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा- रात 03.03 बजे से 24 जुलाई प्रात: 05.38 बजे तक