एयरोस्पेस इंडस्ट्री पर कर्नाटक-आंध्र में ठनी, एमबी पाटिल बोले- राज्य से बाहर नहीं जाएगा कोई उद्योग

बंगलूरू । कर्नाटक सरकार की तरफ से बंगलूरू के पास देवनहल्ली में प्रस्तावित एयरोस्पेस पार्क के लिए 1,777 एकड़ जमीन अधिग्रहण की योजना रद्द करने के बाद अब इस मुद्दे पर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। किसानों के लंबे विरोध के चलते कर्नाटक सरकार ने यह फैसला लिया था। इसके तुरंत बाद आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एयरोस्पेस कंपनियों को अपने राज्य में निवेश करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के पास बंगलूरू के पास ही 8,000 एकड़ तैयार जमीन है और वहां कंपनियों को बेहतरीन सुविधाएं और नीतियों का लाभ मिलेगा।
आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री के बयान पर कर्नाटक के चीनी को छोड़कर बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नारा लोकेश जी, कर्नाटक सिर्फ जमीन नहीं देता, बल्कि देश का नंबर-1 एयरोस्पेस और डिफेंस इकोसिस्टम भी देता है। उन्होंने दावा किया कि भारत के एयरोस्पेस उत्पादन में कर्नाटक का 65% योगदान है और यह वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर है। पाटिल ने कहा कि हम जानते हैं कब क्या करना है। कोई उद्योग कर्नाटक छोड़कर नहीं जाएगा। हमारे पास योजना है, संसाधन हैं, और हम हर जरूरत पूरी करेंगे।
साथ ही कर्नाटक के उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि जिन लोगों ने जमीन देने पर सहमति जताई है, उनसे स्वेच्छा से जमीन ली जाएगी और मुआवजा भी दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य वैकल्पिक जमीनें भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई उद्योग चाहे तो हम बंगलूरू के पास ही उन्हें जरूरी जमीन और सारी सुविधाएं देंगे। चाहे वह एयरोस्पेस हो, डिफेंस, आईटी, एआई या कोई और इंडस्ट्री, हम पूरी मदद करेंगे।
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अपने बयान में पाटिल ने इस बात पर जरूर जोर दिया कि दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि कर्नाटक का मजबूत तंत्र और सरकार की प्रतिबद्धता किसी भी उद्योग को बाहर नहीं जाने देगी। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन उनसे मिले थे और उन्हें जरूरी जमीन देने का आश्वासन भी दिया गया है।