सीबीएसई का नया निर्देश, स्कूलों में लगेंगे ‘आयल बोर्ड’; बच्चों को सिखाया जाएगा हेल्दी लाइफस्टाइल

सीबीएसई ने सभी स्कूलों को एक नया निर्देश भेजा है। इसमें कहा गया है कि वे स्कूल में ‘आॅयल बोर्ड’ लगाएं ताकि बच्चे ज्यादा तेल वाले खाने से होने वाले नुकसान के बारे में जान सकें।
सीबीएसई का कहना है कि आजकल बच्चे ज्यादा तला-भुना खाना खाते हैं और शारीरिक गतिविधियां बहुत कम करते हैं। इससे मोटापा बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में मोटापे से परेशान लोगों की संख्या 2021 में 18 करोड़ थी, जो 2050 तक 45 करोड़ तक पहुंच सकती है।
इसलिए स्कूलों में बच्चों को संतुलित आहार, कम तेल वाला खाना, और एक्टिव लाइफस्टाइल के बारे में सिखाया जाएगा। इससे वे बचपन से ही सेहतमंद रहने की अच्छी आदतें सीख सकेंगे।
स्कूलों में बच्चों को हेल्दी लाइफ के लिए करें जागरूक
सीबीएसई ने सभी स्कूलों से कहा है कि वे अपने छात्रों और स्टाफ को तेल वाले खाने के नुकसान और सेहतमंद जीवनशैली के बारे में जागरूक करें। इसके लिए स्कूल नीचे दिए गए आसान तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
आॅयल बोर्ड लगाना: स्कूलों के कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम जैसे सार्वजनिक जगहों पर आॅयल बोर्ड या पोस्टर (डिजिटल या प्रिंट) लगाए जाएं, जिससे बच्चे और स्टाफ समझ सकें कि ज्यादा तेल वाला खाना सेहत के लिए हानिकारक है।
स्टेशनरी पर हेल्थ मैसेज: स्कूल अपनी स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड आदि पर स्वास्थ्य संबंधी संदेश प्रिंट करें, ताकि हेल्दी रहने की याद हर बार मिले।
स्वस्थ खान-पान और एक्सरसाइज को बढ़ावा: स्कूलों में बच्चों को फल, सब्जियां और कम वसा वाला खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें। मीठे और बहुत ज्यादा तले हुए स्नैक्स की मात्रा कम करें। इसके अलावा, बच्चों को सीढ़ियां चढ़ने, छोटे व्यायाम ब्रेक लेने, और पैदल चलने जैसी एक्टिविटी करने के लिए कहें।
स्कूलों में हेल्दी जीवनशैली के लिए सीबीएसई का आग्रह
सीबीएसई ने स्कूलों को सुझाव दिया है कि वे छात्रों और कर्मचारियों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूल परिसर में “आॅयल बोर्ड” लगाएं। इसके लिए बोर्ड ने कुछ नमूना डिजाइन (अनुलग्नक-क) भी दिए हैं, जिन्हें स्कूल अपनी जरूरत के अनुसार बदल सकते हैं। साथ ही, छात्र भी अनुभव आधारित शिक्षा के तौर पर ऐसे बोर्ड बनाकर हिस्सा ले सकते हैं।
इसके अलावा, स्कूल ऋररअक के यूट्यूब चैनल पर जाकर वीडियो, पोस्टर आदि देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर ईमेल कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अंत में, सीबीएसई ने सभी स्कूलों से अपील की है कि वे यह जरूरी कदम उठाएं ताकि बच्चों को एक स्वस्थ और तंदुरुस्त भविष्य की ओर बढ़ाया जा सके।