शनि की क्रूर दृष्टि से हमेशा रहेंगे बचे, अगर सावन में कर लिए ये 4 आसान काम
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे उत्तम समय होता है, लेकिन यही समय शनि ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए भी अत्यंत फलदायी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव शिव के परम भक्त हैं, और सावन में शिवजी की सच्ची भक्ति करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। यदि आप शनि की महादशा, साढ़े साती, ढैय्या या किसी भी प्रकार के शनि पीड़ा से ग्रस्त हैं, तो सावन में ये चार काम अवश्य करें, ये न केवल शनि के कष्टों को दूर करेंगे, बल्कि जीवन में स्थायित्व, सफलता और शांति भी देंगे। सावन में शनि के सारे दोष दूर करने के लिए किये जाने वाले उपायों के बारे में सेलिब्रिटी ज्योतिष चिराग दारुवाला से जानें।
रुद्राभिषेक करें
सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से शुभ होता है। शिवलिंग पर शुद्ध जल, दूध, शहद, बेलपत्र, गंगाजल और काले तिल अर्पित करें। यह क्रिया न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि शनि से संबंधित सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करती है। सोमवार के दिन शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक रुद्राभिषेक करें, और “ॐ नम: शिवाय” का जाप करें, शनिदेव की पीड़ा शांत होने लगेगी।
शनिदेव के बीज मंत्रों का जाप करें
शनिवार के दिन, विशेष रूप से सावन के शनिवार, को शनिदेव के मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है। “ॐ शं शनैश्चराय नम:” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:” जैसे मंत्रों का 108 बार जाप करें। यह न केवल शनि के अशुभ प्रभावों को कम करता है, बल्कि आत्मबल, संयम और आत्मविश्वास भी देता है। इस काल में किया गया जाप अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है, क्योंकि सावन के ऊर्जा प्रवाह में आध्यात्मिक क्रियाएं अधिक प्रभावी होती हैं।
काले तिल और सरसों का तेल दान करें
दान करना शनि को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है, विशेषकर जब आप काले तिल, सरसों का तेल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं, या चप्पल आदि का दान करते हैं। सावन के प्रत्येक शनिवार को किसी जरूरतमंद, बुजुर्ग या मजदूर को ये वस्तुएं दान करें। यह कर्म आपकी शनि कुंडली से जुड़े दोषों को शांत करता है और धन-संपत्ति से संबंधित बाधाएं भी दूर करता है। यह शनि के न्यायकारी स्वभाव को संतुलित करने का शुभ मार्ग है।
गरीबों और श्रमिकों की सेवा करें
शनि न्याय के देवता हैं और कर्म का फल देने वाले ग्रह भी। वे उन्हीं पर कृपा करते हैं जो दीन-दुखियों की सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं। सावन में, विशेषकर शनिवार के दिन, मजदूरों, वृद्धों, अंधों या असहायों को भोजन कराना, वस्त्र देना या सहारा देना शनि को अत्यंत प्रिय होता है। इस सेवा से न केवल शनि दोष शांत होते हैं, बल्कि पुण्य और आत्मिक संतोष भी प्राप्त होता है। यह उपाय सबसे सरल, परंतु सबसे प्रभावशाली है।