ईरान के हमले में कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस का संचार केंद्र तबाह, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

वॉशिंगटन । बीते महीने ईरान के हमले में कतर स्थित अमेरिका के एयरबेस पर जियोडेसिक गुंबद को नुकसान पहुंचा। इस जियोडेसिक गुंबद का इस्तेमाल अमेरिकी वायुसेना द्वारा सुरक्षित संचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। सैटेलाइट तस्वीरों से यह खुलासा हुआ है। हालांकि अमेरिका या कतर की सरकार ने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है। अमेरिका ने बीते महीने बंकर बस्टर बमों से ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके जवाब में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी वायुसेना के ठिकाने पर हमला किया था। हालांकि उसके बाद दोनों देशों में शांति समझौता हो गया था।
ईरान ने 23 जून को कतर स्थित अल उदैद एयर बेस को निशाना बनाया था। ईरान के हमले में अमेरिकी एयरबेस को मामूली नुकसान हुआ। इसकी वजह ये रही कि अमेरिका ने हमले से पहले ही अपने लड़ाकू विमानों को सेना के सेंट्रल कमांड मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी बताया कि ईरान ने हमले से पहले ही संकेत दे दिए थे कि हमला कहां होने वाला है, जिससे अमेरिका को अपने बचाव में कदम उठाने का मौका मिला। प्लेनेट लैब्स की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि ईरानी हमले में अमेरिकी एयरबेस पर स्थित जियोडेसिक गुंबद को नुकसान पहुंचा है। जियोडेसिक गुंबद का इस्तेमाल अमेरिकी सेना सुरक्षित संचार के लिए इस्तेमाल करती थी।
ईरान ने किया था एयरबेस तबाह करने का दावा
कतर के अल उदैद एयर बेस पर अमेरिकी वायुसेना की 379वीं एयर एक्सपीडिशनरी विंग तैनात है। 25 जून को ली गईं सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ईरानी हमले के बाद जियोडेसिक गुंबद तबाह हो गया है। हालांकि इसके अलावा और कोई नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के हमले को बेहद कमजोर बताया था और कहा कि हमले में अमेरिका को कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि ईरान ने दावा किया कि उनके हमले में एयरबेस को भारी नुकसान हुआ है। ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने तो एयरबेस के पूरी तरह से तबाह होने का दावा किया था, लेकिन अपने दावे के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया था।