फॉक्सकॉन से चीनी विशेषज्ञों के लौटने से नहीं रुकेगा आईफोन उत्पादन, दावा- कंपनी के पास बैकअप प्लान तैयार
नई दिल्ली । भारत में आईफोन बनाने वाली ताइवनी कंपनी फॉक्सकॉन के कई चीनी तकनीकि विशेषज्ञ हाल ही में वापस चीन लौट गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इस बीच केंद्र सरकार फॉक्सकॉन के उत्पादन लक्ष्यों पर नजर रख रही है। एपल के पास इस समस्या से निपटने के लिए विकल्प हैं। यह मामला एपल और फॉक्सकॉन के बीच का है और कंपनियां अपने स्तर पर समाधान निकाल रही हैं। फॉक्सकॉन उन अग्रणी कंपनियों में से एक है जिसे सरकार की ओर से उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत चुना गया है।
बताया जा रहा है कि ये चीनी पेशेवर फॉक्सकॉन की उत्पादन प्रक्रिया, असेंबली लाइन, संयंत्र डिजाइन और मशीनों को संचालित करने के लिए भारतीय कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने जैसे अहम कार्यों में लगे हुए थे। इनकी वापसी से आगामी आईफोन 17 सीरीज के उत्पादन पर असर पड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। मोबाइल फोन के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले अधिकांश उपकरण चीन से आते हैं और चीनी प्रौद्योगिकी पेशेवरों को इनके संचालन में विशेषज्ञता प्राप्त है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने चीनी कर्मचारियों के लिए वीजा की सुविधा प्रदान की है। लेकिन अब कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उत्पादन में कोई बाधा न आए।
एप्पल का 60 मिलियन आईफोन उत्पाद का लक्ष्य
भारत में आईफोन के उत्पादन से जुड़े उद्योग सूत्रों ने कहा है कि चीनी प्रौद्योगिकी पेशेवरों की वापसी से आईफोन 17 के उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और कंपनी भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। एप्पल ने इस साल भारत में आईफोन उत्पादन को 35 से 40 मिलयन यूनिट से बढ़ाकर 60 मिलियन यूनिट तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। एपल के सीईओ टिम कुक ने हाल में घोषणा की थी कि जून तिमाही में अमेरिका में बेचे जाने वाले सभी आईफोन भारत से शिप किए गए।
फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रनिक्स कर रहें नया संयंत्र सथापित
भारत में निर्मित आईफोन ताइवानी अनुबंध निमार्ता कंपनी फॉक्सकॉन के तमिलनाडु स्थित कारखाने में असेंबल किए जाते हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, जो भारत में पेगाट्रॉन कॉर्प का संचालन करती है, एक अन्य प्रमुख निमार्ता है। टाटा और फॉक्सकॉन आईफोन उत्पादन बढ़ाने के लिए नए संयंत्र स्थापित कर रहे हैं और उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं।
मार्च में निर्यात में हुई 219 प्रतिशत की वृद्धि
एपल ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वर्ष में भारत में 60 प्रतिशत अधिक आईफोन का निर्माण किया। इनकी अनुमानित कीमत 22 अरब डॉलर है। एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के 2024 में अमेरिका में आईफोन की बिक्री 75.9 मिलियन यूनिट थी, जिसमें मार्च में भारत से निर्यात 3.1 मिलियन यूनिट था। रिपोर्ट में कहा गया कि एपल का भारतीय निर्यात पहले से ही मुख्य रूप से अमेरिका की ओर जा रहा है। यह 28 फरवरी, 2025 तक तीन महीनों में फर्म द्वारा निर्यात किए गए फोन का 81.9 प्रतिशत है। निर्यात में 219 प्रतिशत की वृद्धि के परिणामस्वरूप मार्च 2025 में यह बढ़कर 97.6 प्रतिशत हो गया। यह संभवत: फर्म द्वारा उच्च टैरिफ को रोकने की कोशिश को दशार्ता है।
एपल देता है 2 लाख लोगों को रोजगार
वित्त वर्ष 2025 में एपल ने भारत में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया। भारत में एपल इकोसिस्टम देश में सबसे बड़े रोजगार सृजनकतार्ओं में से एक है। अनुमान है कि इसने देश के विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि भारत का स्मार्टफोन निर्यात अच्छी दर से बढ़ रहा है। देश इस क्षेत्र में एक “स्थिर और महत्वपूर्ण” खिलाड़ी बन गया है।