कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म की रिलीज पर रोक:दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-याचिकाकर्ता केंद्र के पास आपत्ति दर्ज कराए
देश में चर्चित उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक दिया है। जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बैंच ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित 3 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी।
याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म के जरिए देश के मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर सकती है।
फिल्म के कई दृश्य भावनाओं को भड़काने वाले हैं, ऐसे में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में याचिकाकर्ता से कहा- वह 2 दिन में फिल्म को लेकर अपनी आपत्ति केंद्र सरकार के सामने दर्ज कराए।
वहीं केंद्र सरकार सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा 6 के तहत अपनी पुनरीक्षण शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक सप्ताह में याचिकाकर्ता के आवेदन पर फैसला लें।
कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय नहीं ले लेती है, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रहेगी।
फिल्म की रिलीज पर रोक लगने के बाद कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने निराशा व्यक्त की। यश तेली ने कहा- एक तरफ मूवी पर रोक की सुनवाई और फैसले इतने जल्दी हो जाते हैं, दूसरी तरफ मेरे पिताजी के हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। 3 साल से केस पेंडिंग है, न्याय कब मिलेगा?
दरअसल, फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ शुक्रवार (11 जुलाई) को देशभर में करीब 3500 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली थी, जिसमें उदयपुर के तीन प्रमुख सिनेमाघर भी शामिल थे। अब इस पर रोक लग गई है।
कन्हैयालाल हत्याकांड केस में आरोपी मोहम्मद जावेद की ओर से भी फिल्म पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। 9 जुलाई को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। आरोपी जावेद ने याचिका में कहा था कि इस केस में अभी ट्रायल चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा था कि यदि आपको कोई आपत्ति है तो हाईकोर्ट जा सकते हैं।
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ में 2022 के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है। फिल्म के ट्रेलर में नुपूर शर्मा का विवादित बयान और ज्ञानवापी विवाद शामिल किया है। इन दृश्यों के चलते सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ने का हवाला दिया जा रहा है।
28 जून 2022 को कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था।
एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या,आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (वअढअ) और आर्म्स एक्ट में प्रसंज्ञान लिया था।
आरोपी मोहम्मद जावेद को हाईकोर्ट ने 5 सितंबर 2024 को जमानत दी थी। जावेद पर मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर योजना बनाने का आरोप है। इस मामले में जावेद से पहले एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआईए कोर्ट ने 1 सितंबर 2023 को जमानत दी थी। फरहाद के खिलाफ एनआईए ने आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था।