एस्ट्रोनॉट कैसे बनें? सितारों तक पहुंचने की राह अब दूर नहीं; 12वीं के बाद करें शुरूआत
कुछ समय पहले तक अंतरिक्ष के बारे में महज कहानियां भर सुनी जाती थीं। वहां तक पहुंचना सपने जैसा लगता था, लेकिन विज्ञान की तरक्की ने अब इसे संभव बना दिया है। इसका हालिया उदाहरण शुभांशु शुक्ला है, जो राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए हैं। इसरी जैसे संस्थानों की तेजी से हो रही प्रगति के साथ छात्रों में अंतरिक्ष को लेकर उत्सुकता काफी बड़ी है। अगर आपकी इच्छा भी सितारों से बात करने की है, तो आप बतौर अंतरिक्ष यात्री यानी एस्ट्रोनॉट बनकर ऐसा कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए शुरूआत कहां से की जाए, यह जानना बेहद जरूरी है।
एस्ट्रोनॉट बनने के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष विज्ञान, सैन्य विमानन या परीक्षण पायलटिंग, रोबोटिक्स, चिकित्सा या भौतिकी जैसे क्षेत्रों में गहन विशेषज्ञत्ता की जरूरत होती है। इसके लिए विज्ञान और गणित में मजबूत आधार होना चाहिए। भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित (पीसीएम) के साथ बारहवीं पूरी करने के बाद, आपको इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान, गणित या वैमानिकी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में स्नातक करना होगा।
अंतरिक्ष यात्री चनने के लिए आप भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी), तिरुवनंतपुरम से पढ़ाई कर सकते हैं। यह इसरो का ही अकादमिक विंग है। खास बात यह है कि अगर आईआईएसटी में आपका प्रदर्शन बेहतरीन रहता है, तो आपको सीधे इसरो में भर्ती होने का मौका भी मिल सकता है। इसके अलावा, आप आईआईटी, बॉम्बे, कानपुर, मद्रास और मद्रास इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) जैसे संस्थानों का भी रुख कर सकते हैं।
इसरो छात्रों को विभिन्न इंटर्नशिप कार्यक्रमों के माध्यम से अंतरिक्ष प्रोग्राम से जुड़ी उपग्रह प्रणालियों तथा मिशन योजनाओं के बारे में गहन जानकारी देता है। इसरो के इन कार्यक्रमों के बारे में अमर उजाला समय-समय पर आपको सूचित करता रहता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद आप इसरो, एचएएल या निजी अंतरिक्ष कंपनियों में काम करने व उड़ान भरने का अनुभव हासिल कर सकते हैं।
भारत में अंतरिक्ष तक पहुंचने का सबसे सीधा और विश्वसनीय जरिया भारतीय वायु सेना (आईएएफ) है। इसके लिए आप बारहवीं के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में आवेदन कर सकते हैं या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके वायु सेना अकादमी में शामिल हो सकते हैं। आप बंगलुरू में एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल या किसी अन्य भारतीय या विदेशी संस्थान से विशेष प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। अंतरिक्ष सोध में काम करने वाली इसरो जैसी एजेंसियां यहां से छात्रों को सीधे चुनती हैं।