गुजरात में बोटाद से आप विधायक उमेश मकवाना ने दिया इस्तीफा

अहमदाबाद । गुजरात में आम आदमी पार्टी के बोटाद विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘…इस समय मेरी सामाजिक सेवाएं कम हो रही हैं, इसलिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं पार्टी के लिए कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा।’ इसके थोड़ी देर बाद ही उन्हें पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया गया। आप गुजरात के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने ट्वीट किया, ‘उमेश मकवाना को पार्टी विरोधी और गुजरात विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने 20 साल तक भाजपा में अलग-अलग पदों पर काम किया। उस समय जब गुजरात में आप को कोई पहचानता भी नहीं था, तब मैंने सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज आप में मुझे लगता है कि हम डॉ. बीआर आंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं। इसलिए मैंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैं पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखूंगा। मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा। मैं कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा।
बोटाड सीट से विधायक मकवाना ने गांधीनगर में घोषणा की कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और राज्य विधानसभा में सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया है। कोली (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विधायक ने कहा कि वह एक साधारण आप कार्यकर्ता के रूप में काम करना जारी रखेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह विधायक पद से भी इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं, मकवाना ने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद कोई निर्णय लेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें परेशानी न हो।
इस कदम के तुरंत बाद गुजरात आप अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने एक बयान जारी कर मकवाना के निलंबन की घोषणा की। मकवाना 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 2022 के चुनावों में पहली बार चुने गए पांच आप विधायकों में से एक थे। उनकी अचानक घोषणा आप नेता गोपाल इटालिया की ओर से जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल को हराकर उपचुनाव जीतने के ठीक तीन दिन बाद हुई।
2022 के विधानसभा चुनावों में आप के भूपेंद्र भयानी विसावदर में विजयी हुए, लेकिन दिसंबर 2023 में भयानी के इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई। हाल ही में हुए उपचुनाव में पूर्व राज्य आप प्रमुख इटालिया ने भाजपा के किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया। हालांकि, आप को अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित मेहसाणा के कादी निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा, जहां पार्टी के उम्मीदवार जगदीश तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा ने यह सीट बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही।
गांधीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मकवाना ने आरोप लगाया कि सभी पार्टियां, चाहे वह भाजपा हो, कांग्रेस हो या आप, मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद देने की बात आने पर हमेशा पिछड़े वर्गों की अनदेखी करती हैं। उन्होंने दावा किया, ‘गुजरात में कोली समेत ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा है। करीब 30 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने कभी किसी ओबीसी को गुजरात का मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाया। कांग्रेस भी कोली और अन्य पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दे उठाने में विफल रही।
मकवाना ने आरोप लगाया कि पार्टियां चाहे जो भी हों, ओबीसी नेताओं को सिर्फ चुनाव के दौरान ही महत्व दिया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि आप भी पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दे उठाने में विफल रही है। मकवाना ने कहा, ‘चाहे गुजरात की राजनीति हो या राष्ट्रीय राजनीति, अगर पार्टी उनके दिखाए रास्ते पर नहीं चल सकती तो दफ्तरों में डॉ. बीआर आंबेडकर की तस्वीर लगाने का कोई मतलब नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं बोटाद में अपने लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद विधायक पद छोड़ने का फैसला लूंगा। मैंने आने वाले दिनों में सभी ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। उस बैठक के बाद मैं अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बताऊंगा।’