बल्लेबाज यशस्वी पर भारी उनकी खराब फील्डिंग, पिछले तीन टेस्ट में छोड़े इतने कैच
नई दिल्ली । यशस्वी जायसवाल इन दिनों काफी चर्चा में हैं। दरअसल, लीड्स के हेडिंग्ले में टीम इंडिया की हार के बाद वह सवालों के कटघरे में हैं। उन्होंने इस मुकाबले में चार कैच छोड़े और चारों ने फिर भारत के खिलाफ खूब रन बनाए। सिर्फ यशस्वी ने नहीं, बल्कि बाकी भारतीय फील्डर्स से भी कैच छूटे। टीम इंडिया की खराब फील्डिंग से लीड्स में इंग्लैंड ने पांच विकेट से जीत हासिल की। यशस्वी के कैच छोड़ने के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर की प्रतिक्रिया देखने लायक थी। वह बेहद निराश नजर आ रहे थे। अब जब दूसरा टेस्ट दो जुलाई से खेला जाएगा तो यशस्वी से फील्डिंग के स्तर में सुधार की गुंजाइश होगी। क्रिकेट मैच में यह कहावत काफी प्रसिद्ध है कि कैच छोड़ो मैच छोड़ो। पिछले तीन टेस्ट में यह कहावत सही साबित हुई है। यशस्वी ने इन मैचों में जितने रन बनाए, उससे ज्यादा रन जिनको उन्होंने जीवनदान दिया, उसने बना डाले।
यशस्वी आने वाले समय के सितारे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन उनकी फील्डिंग लीड्स टेस्ट के बाद सवालों के घेरे में आ गई। यशस्वी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान बेन डकेट का कैच छोड़ा। तब वह 97 रन पर थे। इसके बाद उन्होंने 149 रन की पारी खेली। इतना ही नहीं, पहली पारी में भी यशस्वी ने स्लिप में शतकवीर ओली पोप और हैरी ब्रूक के भी कैच छोड़े। पहली पारी में ब्रूक ने 99 रन और पोप ने 106 रन बनाए। इससे फैंस काफी नाराज हुए। फिर यशस्वी को चार कैच छोड़ने के बाद इंग्लिश फैंस के सामने डांस करते भी देखा गया। इस पर गावस्कर समेत कई पूर्व क्रिकेटर्स ने उनकी क्लास लगाई, वहीं कैफ और अश्विन समेत कुछ पूर्व क्रिकेटर्स ने उनका बचाव भी किया।
यशस्वी ने आॅस्ट्रेलिया दौरे पर पिछले साल मेलबर्न टेस्ट से कुल मिलाकर तीन टेस्ट खेले हैं। मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी से यशस्वी ने कुल मिलाकर सात कैच ड्रॉप किए हैं। यशस्वी ने इस दौरान पांच पारियों (दूसरी पारी से) में बल्लेबाजी की है और 221 रन बनाए हैं। इसमें 84 रन, 10 रन, 22 रन, 101 रन और चार रन की पारियां शामिल हैं। हालांकि, जो सात कैच उन्होंने ड्रॉप किए, उन बल्लेबाजों ने जीवनदान मिलने के बाद 229 रन बना डाले। यानी यशस्वी की बल्लेबाजी पर उनकी खराब फील्डिंग हावी रही है।
हालांकि, अश्विन ने यशस्वी का बचाव करते हुए कहा कि ‘स्लिप कॉर्डन पर यशस्वी के कैच छोड़ने को लेकर कई बातें हुई हैं। हां, उसे यह मुश्किल लग रहा होगा, लेकिन आइए हम सब बस कुछ समझें और उन्हें थोड़ा आराम से रहने दें, जो हम अक्सर करने में विफल रहते हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इंग्लैंड में कैच पकड़ना कितना मुश्किल है। वहां ठंड रहती है और ड्यूक की गेंद भी अहम किरदार निभाती है।’
अश्विन ने कहा, ‘ड्यूक गेंद से ढलने में समय लग सकता है। एसजी गेंद हाथ में अच्छे से आती है और आरामदायक महसूस होता है। कूकाबूरा छोटी लगती है। ड्यूक कठिन है और निश्चित रूप से गेंद बड़ी लगती है और उसे कैच करना आसान नहीं है। यशस्वी भारत के सबसे बेहतर स्लिप फील्डर्स में से एक रहे हैं। उन्होंने हाल के दिनों में कुछ शानदार कैच लपके हैं, खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में। इसलिए हमें उन्हें कुछ समय देना चाहिए।’
वहीं, कैफ ने एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, ‘यशस्वी जायसवाल कैच क्यों छोड़ रहे हैं? हम ड्यूक की गेंद से अभ्यास कर रहे हैं और जब हमें चोट लगती है, तो हम पट्टी बांध लेते लेते हैं। इस स्थिति में अंगुलियां फंस जाती हैं और अंगुलियां स्वतंत्र रूप से मूव नहीं कर पातीं। आप कैच को पकड़ नहीं पाते क्योंकि पट्टी स्पंज बन जाता है। गेंद इससे उछलती है और यशस्वी के साथ यही दिक्कत आ रही है। गेंद के साथ स्वाभाविक जुड़ाव नहीं खोना चाहिए।’