‘अपनी असफलता छिपाने के लिए भाजपा आपातकाल पर ड्रामा कर रही’, कांग्रेस अध्यक्ष का तीखा पलटवार
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को आरोप लगाया कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है। उन्होंने भाजपा सरकार पर अपनी प्रशासनिक विफलता को छिपाने के लिए संविधान हत्या दिवस का नाटक करने का आरोप लगाया। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटाक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि जिस सरकार में सहनशीलता नहीं है और जो भाईचारे और आजादी को पनपने नहीं देती, उसे दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।
कांग्रेस के इंदिरा भवन में एक आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में खरगे ने भाजपा-आरएसएस की आलोचना की और कहा कि ‘जिन लोगों ने देश की आजादी, संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं निभाई और बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को खारिज कर दिया, वे आपातकाल लागू होने के 50 साल बाद आपातकाल का मुद्दा उठा रहे हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए खरगे ने कहा कि उनके और उनके शासन के कारण संविधान खतरे में है। कांग्रेस प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार में अभिव्यक्ति की कोई आजादी नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, ‘जो लोग (भाजपा-आरएसएस) संविधान बचाओ की बात कर रहे हैं, वे अब 50 साल बाद आपातकाल का मुद्दा उठा रहे हैं। यह ऐसी चीज थी जिसे लोग भूल गए थे।’ कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, ‘भाजपा कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा से घबरा गई है और इसलिए 50 साल पहले के आपातकाल के मुद्दे को उठा रही है।’ गौरतलब है कि सरकार आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है। खरगे ने कहा, ‘ये लोग शासन में विफल रहे और अपनी विफलता को छिपाने के लिए आपातकाल के मुद्दे पर ड्रामा कर रहे हैं। लोग महंगाई से परेशान हैं, सरकार के पास बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक असफलता पर कोई जवाब नहीं है।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक असमानताएं इतनी बढ़ गई हैं कि उन्हें पाटा नहीं जा सकता। देश में अघोषित आपातकाल है। उन्होंने मणिपुर के हालात से निपटने के तरीके को लेकर भी सरकार की आलोचना की। इससे पहले, मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में भारतीय लोकतंत्र पर व्यवस्थित और खतरनाक तरीके से पांच गुना ज्यादा हमला हुआ है, जिसे अघोषित आपातकाल कहा जा सकता है। आपातकाल को लेकर सरकार के हमलों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार संसद को कमजोर कर रही है और संवैधानिक निकायों की स्वायत्तता को खत्म कर रही है।