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भारत से जुड़ी इस घटना के लिए कनाड़ा के PM ने 102 साल बाद मांगी माफी

ओटावा।

कामागाटा मारू की घटना को करीब सौ साल बीत जाने के बाद अब कनाडा की सरकार को अपनी गलती का अहसास हुआ है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो इस घटना के लिए माफी मांगने का फैसला किया है। उस वक्त तत्कालीन ब्रिटिश सरकार के दबाव में झुकते हुए कनाडा की सरकार ने कामागाटा मारू जहाज को प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी थी।

कनाडा ने इस मामले में अपनी गलती को स्वीकार करते हुए 18 मई को देश की संसद में एक प्रस्ताव के जरिए माफी मांगने का ऐलान किया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने बैशाखी पर्व के दौरान राजधानी ओटावा में कहा कि कनाडा के निर्माण में प्रवासियों का योगदान सराहनीय रहा है उन्होंने खासतौर पर सिख समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हम लोग सालों से उस भावना को समझने में नाकाम रहे हैं। अब समय आ गया है कि जब हम अपनी गलती को सुधार सकें। टूडो के ऐलान के बाद लोगों ने बोले सो निहाल, सतश्री अकाल के जरिए धन्यवाद दिया।

गौरतलब है कि कामागाटा मारू जहाज की यह घटना 1914 की है। कामागाटा मारू जहाज में उस वक्त 376 लोग सवार थे। यह जहाज हांगकांग से कनाडा के वैंकुवर जा रहा था। उस वक्त इस जहाज के यात्रियों को कनाडा की जलसीमा में उतरने पर रोक लगा दी गई थी। जहाज को ब्रिटिश इंडिया की ओर जाने के आदेश दिए गए थे। बाद में जहाज के भारत पहुंचने पर पुलिस ने यात्रियों पर गोली चला दी जिसमें 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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