खाटू श्याम से किडनैप बच्चा मथुरा में मिला:आरोपी बोला-मैंने तो मदद की…मेरी नीयत साफ

मथुरा। राजस्थान के सीकर से खाटू श्याम से लापता 3 साल का मासूम मथुरा में मिला। मासूम अपनी मां और नानी के साथ दर्शन के लिए आया था। आरोपी युवक बच्चे को उठाकर ले आया था।
परिवार का आरोप है कि उसका अपहरण किया गया था। जबकि युवक का कहना है कि मासूम परिवार से बिछड़ गया था। काफी देर तक उसके परिवार की तलाश की। जब कोई नहीं मिला, तो मैं लेकर घर आ गया। मैं तो मदद करना चाह रहा था, मेरी नीयत साफ है।
भोपाल की ललिता अपनी मां आशा अहिरवार और बेटा रक्षम के साथ खाटू श्याम जी के दर्शन करने 6 जून को पहुंची थी। भोपाल से जयपुर पहुंचने पर ललिता को एक युवक मिला।
जिससे बातचीत में पता चला कि वह भी खाटू श्याम जी दर्शन करने जा रहा है। इसके बाद सभी साथ हो गए। खाटू श्याम पहुंचने के बाद दर्शन के दौरान रक्षम गायब हो गया।
ललिता ने उसी युवक पर अपहरण का आरोप लगाया। जिसके बाद सीकर पुलिस ने उउळश् कैमरों की मदद से युवक की तलाश शुरू की। जिसमें एक युवक नजर आया। कुछ देर में पूर्व प्रधान देवजीत का पुलिस के पास फोन आया। उसने कहा-एक बच्चा मथुरा के शेरगढ़ में हैं, वहां से उसे ले जाइए।
पुलिस मथुरा के शेरगढ़ में पहुंंची। पूछताछ करते हुए सतीश के घर तक गई। सतीश के घर से बच्चे को लेकर सीकर रवाना हो गई। जहां उसने रक्षम को उसकी मां ललिता सौंप दिया।
ललिता जाटव ने बताया कि- मंदिर में एकादशी के कारण काफी भीड़ थी। तबीयत खराब होने के कारण बेटा रो रहा था। कई बार उल्टी भी कर चुका था। तब युवक बोला- दीदी आप परेशान हो रहे हो। बच्चे को आप मुझे दे दो। युवक बेटे को गोद में लेकर दुलार करते हुए लाइन में चल रहा था। मैंने अपने मोबाइल से वीडियो भी बनाया था। उसने कहा था-आप दोनों दर्शन करके आ जाओ।
आपके आने के बाद मैं दर्शन कर लूंगा। भीड़ और बच्चे की तबीयत को देखते हुए विश्वास कर लिया। बेटे को उसकी गोद में देकर दर्शन करने गई। वापस लौटी तो बेटा नहीं मिला और न ही युवक।
सतीश ने बताया-वह मूल रूप से स्योहारा के नगला प्रतापगढ़ का रहने वाला है। शेरगढ़ में रहता है। वह खाटू श्याम जी दर्शन करने जाता रहता है। जयपुर स्टेशन पर बच्चे की मां और नानी मिलीं। जहां बातचीत के बाद वह सभी खाटू श्याम जी पहुंच गए। महिला ने भीड़ अधिक होने के कारण बच्चे को उसके पास छोड़ दिया। वह खुद दर्शन करने चली गईं।
वह खाटू श्याम में मुखारबिंद पर 6 घंटे तक बैठा रहा। लेकिन, जब बच्चे की मां और नानी नहीं आईं तो वह उस जगह पहुंचा जहां बैग रखा था। वहां भी इंतजार किया। जब कोई नहीं आया तो वह गांव आया। भाई के फोन से इसकी सूचना पूर्व प्रधान देवजीत को दी। जिसके बाद पूर्व प्रधान ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। फिर बच्चा परिवार के पास पहुंच गया। मैंने अपहरण नहीं किया, बल्कि मदद की है।
वहीं, इंस्पेक्टर सुधीर सिंह का कहना है कि मासूम को पुलिस 11 जून को लेकर गई है। महिला ने अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं दी है। अगर मिलती है, तो मामले में कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, सीकर पुलिस सतीश को भी अपने साथ ले गई है, वहां उससे पूछताछ जारी है।