सरकार की तिहरी रणनीति से टूटी नक्सलवाद की कमर
नई दिल्ली। करीब दस साल पहले छह से अधिक राज्य और 125 से अधिक जिले नक्सल समस्या की गिरफ्त में थे। साल 2019 में केंद्र सरकार की नक्सलियों के खिलाफ अपनाई गई तिहरी रणनीति के बाद अब यह समस्या महाराष्ट्र के एक जिले गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के तीन जिलों तक सीमित रह गई है।अगले साल तक देश पूरी तरह नक्सल मुक्त हो जाएगा।
रणनीति के तहत सरकार ने नक्सलियों को मिलने वाले वैचारिक समर्थन की जड़ पर सीधा हमला किया और प्रभावित इलाकों में विकास के साथ ही पुलिस कार्रवाई को रणनीतिक तरीके से हथियार बनाया। इस रणनीति के पहले चरण में सरकार ने नक्सलियों के मजबूत वैचारिक समर्थन का चक्र तोड़ने पर ध्यान लगाया। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में कई अहम गिरफ्तारियां की गईं। इसके बाद सरकार ने नक्सलियों की समानांतर सरकार चलाने वाले जन मिलिशिया नेटवर्क को ध्वस्त किया। तीसरे चरण में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अलग-अलग समय में 560 कैंप बना कर इसके दस किलोमीटर के दायरे में रह रहे लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, राशन सुविधा समेत 32 सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया।
नक्सलियों ने जन मिलिशिया के माध्यम से सुदूर इलाकों में समानांतर सरकार बनाई। इसमें शामिल लोगों की संख्या एक समय 8,000 से ज्यादा थी जो अब नगण्य है। पुलिस कैंप के जरिए नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की बयार पहुंचाने के बाद सरकार ने जन मिलिशिया से जुड़े लोगों को मुख्य धारा में लाने की पहल की। इसके तहत इनसे जुड़े लोगों को पंचायत, स्थानीय निकाय और यहां तक कि विधानसभा चुनाव के टिकट दिए गए। चूंकि कैंप के इर्दगिर्द 10 किलोमीटर के दायरे के लोगों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया गया, स्कूल, आंगनबाड़ी, सामुदायिक केंद्र सुनिश्चित किए गए तब इसका असर लोगों के साथ मिलिशिया में शामिल लोगों पर भी पड़ा।
सरकार के प्रयासों से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच नक्सलियों के प्रति सहानुभूति में कमी के बाद सरकार ने छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में बड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की। सूत्रों का कहना है कि राज्य के जिन तीन जिलों में नक्सलवाद बचा है, उसे खत्म करने के लिए पांच से छह महीने का समय लगेगा। वैसे भी नक्सलवाद का बड़ा चेहरा माने जाने वाले बसवाराजू को पुलिस ने मार गिराया है।?एक करोड़ की इनामी सुजाता पकड़ी गई है और गणपति संभवत: इस अभियान से दूर हो चुका है, जबकि माडवी हिडमा की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बाकी बचे नक्सली क्षेत्र में विकास की बयार पहुंचाने के लिए 18 और पुलिस कैंप लगाए जाने हैं। इन कैंपों के दायरे में 10 से 15 किमी क्षेत्र शामिल किया जाता है। इसमें आने वाले परिवारों को पक्का घर, मुफ्त गैस कनेक्शन, आयुष्मान योजना, शौचालय, मुफ्त बिजली, राशन कार्ड, मुफ्त राशन, आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, सड़क व पानी की सुविधा दी जाती है।