बिलावल भुट्टो को अमेरिकी सांसद ने खूब सुनाई खरी-खोटी; जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने के लिए कहा
वॉशिंगटन। अमेरिका में पाकिस्तान और उसके पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की जमकर किरकिरी हुई। एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने बिलावल को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने बिलावल से जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने के लिए काम करने को कहा। अमेरिकी सांसद ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में आए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वह आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
यह वाकया तब हुआ, जब कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमैन ने वॉशिंगटन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर रहा था। उनकी यात्रा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक भारतीय बहुदलीय संसदीय दल की यात्रा के वक्त हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल आॅपरेशन सिंदूर और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बारे में अमेरिकी अधिकारियों को जानकारी देने के लिए अमेरिका में है।
बिलावल भुट्टो से मुलाकात के बाद शेरमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद से लड़ने की अहमियत समझाई। खासकर उनसे जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करने को कहा, जिसने 2002 में अमेरिकी नागरिक डेनियल पर्ल की हत्या की थी।’ वह वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार पर्ल का जिक्र कर रहे थे, जिनकी पाकिस्तान में आतंकवादियों ने अगवा कर हत्या कर दी थी। मामले में उमर सईद शेख को अपराध की योजना बनाने के लिए दोषी ठहराया गया था।
अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पर डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई के लिए काम करने का दबाव डाला। डॉ. शकील ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद की थी। शेरमन ने कहा, ‘डॉ. अफरीदी को रिहा करना 9/11 के पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’ अफरीदी को 2011 में बिन लादेन के छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था और बाद में एक पाकिस्तानी अदालत ने उसे 33 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में चिंता जताते हुए कहा, ‘पाकिस्तान में रहने वाले ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों को हिंसा, उत्पीड़न, भेदभाव या असमान न्याय प्रणाली के डर के बिना अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।’