राष्ट्रीय

‘मैं चोर नहीं हूं’, भगोड़े विजय माल्या का दावा


नई दिल्ली । भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन संकट की पूरी कहानी बयां की। उन्होंने भारत में चल रही कानूनी लड़ाइयों और खुद को चोर कहे जाने पर जवाब दिया। एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में माल्या ने कहा कि मैं चोर नहीं हूं। मैंने चोरी नहीं की है। उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी पर भी निशाना साधा।
राज शमानी के पॉडकास्ट में विजय माल्या ने कहा कि मेरे मार्च 2016 के बाद से भारत न जाने के कारण मुझे भगोड़ा कह सकते हैं। लेकिन मैं भागा नहीं था। मैं पहले से तय यात्रा पर भारत से बाहर गया था। मैं उन कारणों से वापस नहीं लौटा, जो मुझे उस वक्त सही लगे। ऐसे में अगर आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए। मगर चोर कहने का क्या मतलब है..चोरी कहां हुई।
ब्रिटेन में रहने से कानूनी मामले बढ़ने के सवाल पर माल्या ने कहा कि अगर मुझे भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का आश्वासन मिलता है, यह सही हो सकता है, लेकिन मुझे पता है ऐसा नहीं होगा। निष्पक्षता के आश्वासन के तहत भारत लौटने पर माल्या ने कहा कि अगर मुझे आश्वासन दिया जाता है, तो मैं इस बारे में गंभीरता से सोचूंगा। उन्होंने एक अन्य प्रत्यर्पण मामले में यूके हाई कोर्ट आॅफ अपील के फैसले का भी हवाला दिया। इस फैसले में कहा गया था कि भारतीयों की हिरासत की स्थिति मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन करती है। इसलिए उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता है।
किंगफिशर एयरलाइन संकट को लेकर माल्या ने कहा कि 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के कारण ऐसा हुआ था। क्या आपने कभी लेहमैन ब्रदर्स के बारे में सुना है? क्या आपने कभी वैश्विक वित्तीय संकट के बारे में सुना है? क्या इसका भारत पर कोई असर नहीं पड़ा? बेशक इसका असर हुआ था। उन्होंने कहा कि इससे हर क्षेत्र प्रभावित हुआ। पैसा रुक गया। सब सूख गया। भारतीय रुपये की कीमत पर भी असर पड़ा।
माल्या ने कहा कि मैं किंगफिशर संकट को लेकर तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिला था। मैंने उनसे कहा था कि किंगफिशर एयरलाइंस को आकार घटाने, विमानों की संख्या में कटौती करने और कर्मचारियों की छंटनी करने की आवश्यकता है, क्योंकि मैं ऐसे आर्थिक हालात में परिचालन करने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने दावा किया कि उन्हें आकार घटाने के खिलाफ सलाह दी गई थी और बैंकों से समर्थन का वादा किया गया था।
माल्या ने बताया कि मुझे कहा गया था कि आकार में कटौती न करें। बैंक आपका समर्थन करेंगे। इस तरह से यह सब शुरू हुआ। किंगफिशर एयरलाइंस को अपनी सभी उड़ानें निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। किंगफिशर एयरलाइंस संघर्ष कर रही है। जिस समय आपने ऋण मांगा, उस समय कंपनी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था।

Related Articles

Back to top button