लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को उत्तम युद्ध सेवा पदक, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रक्षा अलंकरण समारोह 2025 (द्वितीय चरण) के दौरान डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया। ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के बाद ऊॠटड लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई काफी चर्चा में रहे थे। आॅपरेशन से जुड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे मीडिया से मुखातिब हुए थे। इस दौरान उन्होंने ‘आॅपरेशन सिंदूर’ की रणनीति, लक्ष्यों और परिणामों के बारे में विस्तार से बताया था।
दरअसल, राष्ट्रपति ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में रक्षा अलंकरण समारोह 2025 (दूसरे चरण) के दौरान सशस्त्र बलों, भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मियों को 92 विशिष्ट सेवा अलंकरण प्रदान किए। विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति असाधारण प्रदर्शन के लिए 30 परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), पांच उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएसएम) और 57 अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) प्रदान किए गए।
राष्ट्रपति की ओर से सेना के अधिकारियों को मिले सम्मान के बाद रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सम्मानित वीरों को बधाई दी और उनका मनोबल बढ़ाया। रक्षा मंत्रालय ने लिखा कि यह सम्मान हमारे जवानों की बहादुरी, समर्पण और कड़ी मेहनत को सलाम करने का तरीका है। यह पदक सिर्फ सम्मान नहीं हैं, बल्कि उनके त्याग और देशभक्ति की पहचान हैं।
डायरेक्टर जनरल आॅफ मिलिट्री आॅपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ही वह अफसर हैं, जिनके पास पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल कासिफ ने संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी। इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम को लेकर अस्थायी सहमति बनी थी। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अक्तूबर 2024 को डीजीएमओ के पद की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले वे चिनार कॉर्प्स के जनरल आॅफिसर कमांडिंग (जीसीओ) के पद पर तैनात थे। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर आतंकवाद विरोधी अभियानों का विशेषज्ञ माना जाता है। ‘आॅपरेशन सिंदूर’ में भी इनकी अहम भूमिका रही है।