पाकिस्तान ने फिर ट्रंप के सामने फैलाए हाथ, भारत के साथ बातचीत में मदद करने के लिए गिड़गिड़ाए शहबाज
इस्लामाबाद। आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर घिरे और अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हाथ फैलाए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत में मदद करने के लिए अमेरिका को आगे आने के लिए कहा है। इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शहबाज ने भारत के साथ तनाव कम करने में ट्रंप की भूमिका की तारीफ की और वाशिंगटन से दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच व्यापक वार्ता शुरू कराने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के उस बयान के समर्थन में आया, जिसमें बिलावल ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए ट्रंप को श्रेय दिया गाय था। बिलावल ने दावा किया था कि दोनों देशों के बीच शत्रुता को समाप्त करने में मदद करने के लिए ट्रंप श्रेय के हकदार हैं। भुट्टो ने कहा था, ’10 अलग-अलग मौकों पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का श्रेय लिया है। यह सही भी है। वह इस श्रेय के हकदार हैं, क्योंकि उनके प्रयासों से ही युद्ध विराम संभव हो पाया। इसलिए अगर अमेरिका इस युद्ध विराम को बनाए रखने में पाकिस्तान की मदद करने को तैयार है, तो यह उम्मीद करना उचित है कि व्यापक वार्ता शुरू करने में अमेरिकी भूमिका हमारे लिए भी फायदेमंद होगी।’
इस बीच अमेरिका में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने साफ-साफ कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका ने कुछ समय से यह समझ लिया है कि भारत का रुख बहुत स्पष्ट है। वह यह है कि हमारे सिर पर बंदूक तानने पर कोई बातचीत नहीं होगी। समस्या यह है कि हम उन लोगों से बात नहीं करेंगे, जो हमारे सिर पर बंदूक तान रहे हैं। मेरा मतलब है कि अगर आपका पड़ोसी अपने रोटवीलर को आपके बच्चों को काटने के लिए छोड़ देता है या आपके बच्चों के साथ बुरा व्यवहार करता है और फिर कहता है कि चलो बात करते हैं। ऐसे में आप उससे तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक कि वह उन रोटवीलर को या तो कहीं बाहर छोड़ आए या उन्हें बंद नहीं कर दे या उसे सुला न दे। यह इतना ही सरल है। आप उन लोगों से बात नहीं करने जा रहे हैं जो आपके मंदिरों पर बंदूक तान रहे हैं। ऐसा नहीं होने जा रहा है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की उसके इस बयान के लिए भी आलोचना की कि वह भी आतंकवाद का उतना ही शिकार है, जितना भारत है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल यह कह रहा है कि हम भी आतंकवाद के शिकार हैं। हमने आतंकवाद के कारण भारत से अधिक जानें गंवाई हैं। हम पलटकर कहते हैं कि यह किसकी गलती है? जैसा कि हिलेरी क्लिंटन ने 10 साल पहले कहा था। आप अपने घर में सांप नहीं पाल सकते। आप उम्मीद नहीं कर सकते कि वह केवल आपके पड़ोसियों को ही काटेगा। इसलिए पाकिस्तान पर अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमले हो रहे हैं। तालिबान को किसने बनाया, जिससे तहरीक-ए-तालिबान अलग हुआ? हम सभी इसका उत्तर जानते हैं, इसलिए पाकिस्तान को अपने अंदर झांकने दें और खुद को निर्दोष बताने, इनकार करने और अन्य सभी बातों का बहाना बनाने से पहले अपने अंदर गंभीरता से आत्मचिंतन करने दें।