सुबह उठते ही थकान, कमजोरी और सिरदर्द होने लगे तो एक बार जरूर करा लें इस विटामिन का टेस्ट


शरीर को विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और हेल्दी फैट की जरूरत होती है। खाने-पीने से कई बार सभी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में शरीर में कई बार कुछ खास विटामिन कम होने लगते हैं। उम्र बढ़ने पर भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। ऐसे में अगर आपको सुबह उठकर एनर्जी में कमी महसूस हो। रातभर अच्छी नींद लेने के बाद भी सुबह थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसा महसूस हो तो एक बार विटामिन बी12 का टेस्ट जरूर करवा लें। विटामिन बी12 की कमी होने पर शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं। सबसे अहम बात ये है कि लंबे समय तक शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने से कई गंभीर समस्याएं भी पैदा हो सकती है। जानिए शरीर में विटामिन बी12 (श््र३ें्रल्ल इ12) कम होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं?
विटामिन बी12 के लिए टेस्ट करवा सकते हैं। अगर आपकी रिपोर्ट में विटामिन बी12 का लेवल 300 स्रॅ/ेछ आता है तो ये नॉर्मल है। अगर 200-300 स्रॅ/ेछ आता है तो ये बॉर्डर लाइन पर है। अगर 200 स्रॅ/ेछ आता है तो आपके अंदर विटामिन बी12 की कमी है।
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण
थकान- शरीर में विटामिन बी12 की कमी है तो आपको बहुत थकान महसूस होती है। क्योंकि शरीर की कोशिकाओं को ठीक से काम करने के लिए इ12 की जरूरत होती है। लेकिन कमी होने पर लाल रक्त कोशिकाएं कम होने लगती है। जिससे शरीर को भरपूर आॅक्सीजन नहीं मिल पाता और आप थका-थका महसूस करते हैं। विटामिन बी12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो सकता है।
त्वचा पाली पड़ना- विटामिन बी12 की कमी से होने वाला एनीमिया भी शरीर में हेल्दी रेड ब्लड सेल्स को कम कर देता है जिससे शरीर पीला पड़ने लगता है। विटामिन बी12 की कमी से पीलिया भी हो सकता है। जिसमें बिलीरूबिन के लेवल हाई हो जाता है और त्वचा और आंखों पीली पड़ने लगती हैं।
सिरदर्द- शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर सिरदर्द की समस्या हो सकती है। एक रिसर्च में ये सामने आया कि ज्यादातर लोग जो माइग्रेन से पीड़ित होते हैं उनमें विटामिन बी12 का स्तर काफी कम होता है। बी12 कम होने पर माइग्रेन की शिकायत बढ़ सकती है।
अवसादग्रस्त- विटामिन बी12 की कमी अगर लंबे समय तक रहती है तो इससे डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। विटामिन बी12 की कमी होने पर होमोसिस्टीन नामक सल्फर युक्त अमीनो एसिड का स्तर बढ़ सकता है। जिससे शरीर में आॅक्सीडेटिव तनाव, डीएनए क्षति और सेल्स डैमेज होने लगती है। इससे अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है।