2030 तक 40 अरब डॉलर होगा सेमीकंडक्टर उद्योग का आकार

आपूर्ति शृंखला पर ध्यान देने की जरूरत
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माण में शामिल केमिकल और गैसों सहित आपूर्ति शृंखला के आसपास के तंत्र को बढ़ावा देने से भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग का आकार 2030 तक बढ़कर 40 अरब डॉलर का हो जाएगा।

भारत को सेमीकंडक्टर के वैश्विक केंद्रों से सीखने की जरूरत
इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अनुसार, भारत को सेमीकंडक्टर के वैश्विक केंद्रों से सीखने की जरूरत है, क्योंकि यह बहुत जटिल तकनीक है। आईईएसए के अध्यक्ष अशोक चांडक ने कहा, किसी भी चिप निर्माण से कम से कम 10 से ज्यादा देश जुड़े होते हैं। अगर हमें भारत में चिप निर्माण को सफल बनाना है, तो आपूर्ति शृंखला का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा, दुनियाभर में आपूर्ति शृंखला से जुड़ा बाजार 2030 तक 420 अरब डॉलर का हो जाएगा। अगर हम 10 फीसदी हिस्सेदारी भी अपनी समझें तो 40 अरब डॉलर तक पहुंच जाएंगे।

2026-27 तक 15 लाख कुशल कारीगरों की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2026-27 तक मूल्य शृंखला में करीब 15 लाख कुशल और 50 लाख अर्ध-कुशल श्रमिकों की जरूरत होगी। प्रसंस्करण, उपकरण इंजीनियर, आईसी परीक्षण इंजीनियर और क्षमता नियोजन प्रबंधक जैसी भूमिकाओं की उच्च मांग की उम्मीद है। दो से पांच वर्षों में डिजाइन, विनिर्माण, प्रशिक्षण, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे।