कर्नाटक में बजट पर बवाल

 मुस्लिमों के लिए आवंटन को लेकर कांग्रेस पर बरसी भाजपा, बताया ‘हलाला बजट’
 बंगलूरू। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को साल 2025 के लिए बजट पेश किया, जिसे लेकर राजनीतिक तकरार हो गई। कर्नाटक भाजपा ने बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए भारी आवंटन पर नाराजगी जताते हुए इसे हलाला बजट करार दिया। कर्नाटक सरकार ने बजट में चार प्रतिशत सरकारी कामों के ठेके मुस्लिम ठेकेदारों के लिए आरक्षित करने का एलान किया है, जिस पर भाजपा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
बजट में मुस्लिम वर्ग के लिए किए गए हैं विशेष प्रावधान
कर्नाटक सरकार के बजट में एक हजार करोड़ रुपये अल्पसंख्यक कल्याण के लिए आवंटित किए गए हैं। साथ ही 150 करोड़ रुपये वक्फ संपत्ति सुरक्षा के लिए, 100 करोड़ रुपये ऊर्दू स्कूलों के लिए और साथ ही इमामों को 6 हजार रुपये महीना देने का भी एलान किया गया है। भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में आरोप लगाया कि कांग्रेस संसाधनों के आवंटन में मुस्लिमों को प्राथमिकता दे रही है। अमित मालवीय ने लिखा कि 9 दिसंबर 2006 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का है।

अमित मालवीय ने कहा कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार भी उसी पैटर्न का पालन कर रही है। अमित मालवीय ने लिखा कि कांग्रेस सरकार ने एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को कमतर किया है और साथ ही भाजपा नेता ने बजटीय प्रावधानों को असंवैधानिक करार दिया। मालवीय ने लिखा कि ‘धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता और भारत कभी भी कांग्रेस को उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगा।’ कर्नाटक भाजपा ने सीएम सिद्धारमैया की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बजट को ‘हलाला बजट’ करार दिया।