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बजट सत्र 24-26 मार्च के बीच होगा: दिल्ली CM

सुझाव के लिए मेल और वॉट्सऐप नंबर जारी किए, कहा- हम हर वादे पूरे करेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 24 से 26 मार्च के बीच होगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। उनके साथ कैबिनेट के 6 मंत्री भी मौजूद थे। रेखा गुप्ता ने बजट के लिए दिल्ली के लोगों से सुझाव मांगा है।

रेखा गुप्ता ने बताया कि हम दिल्ली की जनता का बजट लाना चाहते हैं। इसके लिए हमनें दिल्ली के लोगों से सुझाव मांगा है। हमारे सभी मंत्री और विधायक भी लोगों से मिलेंगे और दिल्ली की बेहतरी के लिए लोगों से जरूरी सुझाव लेंगे। CM ने कहा कि सरकार छुटि्टयों में भी काम कर रही है। सचिवालय में शनिवार और रविवार को भी अफसर काम कर रहे हैं। मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहती हूं कि हमनें जो वादे किए हैं, उसे पूरा करेंगे। बजट के सुझाव के लिए उन्होंने ईमेल आईडी- viksitdelhibudget-25@delhi.gov.in और वॉट्सएप नंबर 9999962025 जारी किए।

दिल्ली विधानसभा सत्र का सोमवार को अंतिम दिन है। 11 बजे से शुरू होने वाले सत्र में CAG रिपोर्ट पर हंगामे के आसार हैं। दरअसल, 25 फरवरी को हंगामे के बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी समेत 21 विधायकों को सस्पेंड कर दिया था। आज इन विधायकों का सस्पेंशन खत्म हो रहा है। सभी विधायकों के होने से विपक्ष सरकार पर हमलावर रहेगी।

इससे पहले 28 फरवरी को दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने विधानसभा में हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़ी CAG रिपोर्ट रखी। 7 पन्नों की रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। नर्स और डॉक्टर्स की संख्या पर्याप्त नहीं है। महिलाओं के स्वास्थ्य प्रोग्राम में फंडिंग की कमी है। एम्बुलेंस में जरूरी उपकरण नहीं हैं। ICUs की कमी है।

दिल्ली सीएम ऑफिस में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों पर भाजपा और AAP आमने-सामने आ गई है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया, ‘भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं। भाजपा ने कहा कि दोनों तस्वीरें CM ऑफिस में ही हैं। उनकी जगह बदली गई है। दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन सदन में शराब नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की गई। दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट सदन में रखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिसी में कुछ बदलाव के सुझाव दिए थे, जिन्हें मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज किया।

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