बिना होल्डर के जला रहे बल्ब…
इनोवेशन स्पेस में तैयार हो रहे भविष्य के वैज्ञानिक
क्या आपने कभी रूबिक क्यूब को 60 सेकेंड में सॉल्व किया है? या फिर बिना होल्डर के बल्ब जलाया है? अगर यह सुनने में आपको चमत्कार लग रहा है, तो यह हकीकत में विज्ञान के जरिये मुमकिन बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में स्थित इनोवेशन स्पेस में खेल-खेल में युवा विज्ञान के गुर सीख रहे हैं। यही नहीं, यहां छात्र अपने अंदर की प्रतिभा को निखार रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां भविष्य के वैज्ञानिकों को तैयार किया जा रहा है। इनोवेशन स्पेस की खास बात यह है कि यहां निजी ही नहीं बल्कि सरकारी स्कूल के नौवीं-दसवीं कक्षा के छात्र अपने आविष्कारों को जन्म दे रहे हैं।
इनोवेशन स्पेस में हर सप्ताह शनिवार-रविवार को विज्ञान की कार्यशाला का आयोजन होता है। इस दौरान यहां सीखने-सिखाने का सिलसिला साथ-साथ चलता रहता है। छात्र अपने आसपास की जरूरतों पर गौर करते हुए अनोखे व नए आविष्कार करते हैं। इन्हीं आविष्कारों में से कुछ खास आविष्कारों का पेटेंट भी करवाया जाता है। आविष्कारों में सबसे अधिक जोर पर्यावरण पर दिया जा रहा है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन की अहमियत को भी समझ रहे हैं। इसी कड़ी में सोलर चार्जर, सोलर बल्ब को बनाया है।
अनोखे आविष्कारों से मुश्किलें हुईं आसान
रूबिक्स क्यूब सॉल्वर: इसे कॉलेज के छात्र सागर सिंह ने बनाया है। यह एक रूबिक क्यूब सॉल्वर रॉर्बट है। यह छोटे आकार का है, लेकिन बहुत तेजी से काम करता है। केवल 50-60 सेकेंड के अंदर ही रूबिक्स क्यूब सॉल्व कर देता है। यह पहले क्यूब के रंगों को अच्छी तरह से परखता है, उसके बाद इसे चंद सेकेंड में सुलझा देता है।
टेसला कॉइल: इसे कार्यशाला में सभी को बनाना सिखाया जाता है। टेसला कॉइल की खासियत है कि यह बिना होल्डर के बल्ब जला देता है। इसे टेस्ला कॉइल, बैटरी, कॉपर तार और आदि से बनाया है। यह बहुत जल्दी एक विद्युत क्षेत्र बनाता है, जो प्रकाश बल्ब के माध्यम से इलेक्ट्रॉनों को धकेलता है।