स्टार्टअप में अनिश्चितताएं, लेकिन इनमें सीखने और खुद का विकास करने के भी भरपूर अवसर
स्नातक पूरा होने के बाद किसी बड़ी कंपनी में काम या कैंपस में अमूमन हरेक छात्र को करना पड़ता है। हालांकि, किसी भी विकल्प का चयन करना सही या गलत नहीं होता, बल्कि यह छात्र के व्यक्तित्व, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्योग जगत में अपनी जगह बनाने के जुनून पर निर्भर करता है। स्टार्टअप में भरपूर ऊर्जा होती है। हालांकि, इसके साथ कुछ अनिश्चितताएं और चुनौतियां भी जुड़ी होती हैं। यदि आप एक स्नातक उत्तीर्ण छात्र हैं और यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि स्टार्टअप की दुनिया आपके लिए सही है या नहीं, तो कुछ बातों पर आपको एक बार विचार जरूर करना चाहिए।
अपने लिए खुद बनाएं अवसर
स्टार्टअप ऐसे लोगों को चुनना पसंद करते हैं, जो अनिश्चितता को स्वीकार करके खुद पहल कर सकते हों। ऐसे में, इस बारे में विचार करें कि क्या आप अस्पष्ट या विपरीत स्थितियों को संभाल सकते हैं और अपने और संगठन के लिए खुद अवसर बना सकते हैं। ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि स्टार्टअप के लिए लचीलेपन, परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालने और सक्रिय मानसिकता की आवश्यकता होती है।
प्रबंधन तक सीधी पहुंच
स्टार्टअप में काम करने का मतलब है अत्यधिक समर्पित होना और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना। संस्थापक आपसे उतनी ही मेहनत की उम्मीद करेंगे, जितनी वे करते हैं। ऐसे में, आपको अधिक मेहनत और लंबे समय तक काम करने के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि, यदि आप काम करने वाले इन्सान हैं, तो यह आपके लिए एक रोमांचक अनुभव हो सकता है, वरना यह आपको थकाने और तनाव देने वाला लगेगा। एक बड़ा फायदा यह भी है कि किसी भी स्टार्टअप में आपको संस्थापकों से सीधा संबंध बनाने और अपने विचारों को प्रबंधन तक पहुंचाना बहुत आसान होता है।
नई पहचान बनाने का मौका
स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए आपको प्रबंधन के साथ मिलकर नए-नए विचारों को आजमाने का मौका मिलेगा। जाहिर है ऐसे में गलतियां भी होंगी। त्रुटियां होना और विफलताएं आम हैं, लेकिन आप उनसे सीखने और सुधार करने की क्षमता विकसित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप अपनी प्रतिभा का सही तरीके से इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे कंपनी के साथ-साथ आपकी क्षमताओं और लीडरशिप को नई पहचान मिल सकती है।