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AI की मदद से GDP में 25-30 अरब डॉलर का योगदान देगा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र,

 उपचार के बेहतर होंगे परिणाम
नई दिल्ली। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल से 2025 तक भारत की जीडीपी में 25-30 अरब डॉलर का योगदान करेगी। साथ ही, इससे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, डायग्नोस्टिक्स और उपचार के परिणाम बेहतर होंगे। डेलॉय ने एक रिपोर्ट में कहा, भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एआई अपनाने की दर बढ़कर 40 फीसदी फीसदी से अधिक हो गई है। इसके साथ ही यह एफएमसीजी (30 फीसदी) और विनिर्माण (25 फीसदी) जैसे क्षेत्रों से आगे निकल गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया एआई मिशन और डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट-2023 जैसी सरकार समर्थित पहल डिजिटल रूप से सशक्त स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है।

भारत में वैश्विक लीडर बनने की क्षमता
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सर्जिकल खपत और डिस्पोजेबल निर्यात 2022-23 में बढ़कर 1.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह आंकड़ा वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल बाजार में भारत की बढ़ती क्षमता और उपस्थिति को दर्शाता है। हालांकि, अपनी पूरी क्षमता के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को नियामकीय, श्रमबल प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे की सीमाओं जैसी चुनौतियों से पार पाना होगा। लक्षित निवेश और केंद्रित नीतिगत प्रगति के साथ भारत एआई संचालित स्वास्थ्य देखभाल में वैश्विक लीडर बन सकता है।

तेजी से बढ़ रहा डिजिटल स्वास्थ्य सेवा तंत्र
डेलॉय इंडिया लाइफ साइंसेज एवं हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लीडर जयदीप घोष ने कहा, भारत का डिजिटल स्वास्थ्य सेवा तंत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें एआई संचालित डायग्नोस्टिक्स, मेडटेक इनोवेशन और डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड रोगी देखभाल में बदलाव ला रहे हैं।

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