मांसपेशियों में दर्द, गले में सूजन और खराश…

ये लक्षण हल्के में न लें, इसलिए बिगड़ रहा बुखार
आगरा। मौसम के बदलाव से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बुखार, जुकाम-खांसी के साथ मांसपेशियों में दर्द हो रहा है। खुद की डॉक्टरी कर एंटीबायोटिक दवा लेने से मर्ज बिगड़ रहा है। डॉक्टर बता रहे हैं कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही है। मर्ज ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है।

मेडिसिन विभाग के डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि ऐसे मौसम में वायरस ज्यादा सक्रिय होता है। ओपीडी में डेढ़ गुना मरीज बढ़ गए हैं। रोजाना 700 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार, सिर, हाथ-पैरों और मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, सुस्ती की शिकायत है। अस्थमा के मरीज सांस लेने में दिक्कत, सीने में भारीपन बता रहे हैं।
कई ऐसे भी मरीज हैं, जिन्होंने खुद ही मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवा खरीद कर खा ली। इससे दवाओं के रेजिस्टेंट होने का खतरा होता है। इससे वायरल बुखार को ठीक होने में भी 7-10 दिन का समय लग रहा है। शुरूआत में पैरासिटामॉल ले सकते हैं, इससे आराम न मिलने पर विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। एसएन के बाल रोग के डॉ. राम क्षितिज शर्मा ने बताया कि वायरल फीवर के संपर्क में आने से ये तेजी से बढ़ रहा है। स्कूल में किसी बच्चे के पीड़ित होने से अन्य में भी फैल रहा है। ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। औसतन रोजाना 200 से अधिक मरीज आ रहे हैं।

बच्चों की दिक्कत बढ़ी
– इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. संजीव अग्रवाल ने बताया कि बच्चे वायरल निमोनिया के शिकार हो रहे हैं। तेज बुखार आ रहा है। निमोनिया होने से फेफड़ों में संक्रमण मिल रहा है। बच्चों में उल्टी-दस्त की भी परेशानी मिल रही है। अभिभावक बिना परामर्श के बच्चों को दवाएं कतई न दें।