महाकुंभ 2025 संपन्न: करीब 66 करोड़ लोगों ने किया स्नान
महाकुंभ के बाद भी अभी बनी रहेंगी सुविधाएं
लखनऊ। महाकुंभ 2025 संपन्न हो गया। महाशिवरात्रि पर हुए शाही स्नान के बाद इसके समापन की औपचारिक घोषणा हो गई है। हालांकि अभी मेला परिसर को पूरा खाली होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। अब तक 66 करोड़ 22 लाख लोगों ने पवित्र संगम में स्नान किया।
महाकुम्भ पर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पूरे आयोजन को महासलामी दी है। बुधवार दोपहर वायुसेना के विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देख गर्व और उत्साह से तालियां बजानी शुरु कर दी। इस दौरान लोग जय श्री राम, हर हर गंगे, हर हर महादेव के साथ मोदी-योगी के भी जयकारे लगाने लगे। इसी के साथ वायुसेना के एयर शो के फोटो और वीडियो बनाकर श्रद्धालु सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे। वायुसेना के एक अधिकारी के अनुसार महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं का अंतिम स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र के ऊपर भव्य एयर शो से अभिवादन किया गया। इस पावन अवसर पर जहां गंगा तट पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा रहे थे, वहीं आकाश में सुखोई, एएन 32 और चेतक हेलीकॉप्टर आसमान से श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ा रहे थे। इस ऐतिहासिक पल ने श्रद्धालुओं को रोमांचित कर दिया।
महाकुम्भ के समापन अवसर पर भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों ने हवा में अद्भुत कलाबाजियां दिखाईं। विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देखा, जहां सुखोई और एएन 32 और चेतक का शानदार प्रदर्शन चल रहा था। इस रोमांचक नजारे को श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया। लोगों ने इसे महाकुम्भ का यादगार पल बताया। जिस वक्त महाकुम्भ में संगम के ऊपर एयर शो चल रहा था, उसे देख श्रद्धालु गर्व और उत्साह से तालियां बजाने लगे।
यूपी डीजीपी बोले हमने एक अभूतपूर्व मॉडल पेश किया
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाशिवरात्रि पर पूरे प्रदेश में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। आज महाकुंभ का अंतिम दिन है और 45 दिनों में प्रयागराज में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, हमने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से एक अभूतपूर्व मॉडल प्रस्तुत किया है।
हमने भीड़ नियंत्रण और निगरानी के लिए विश्वस्तरीय तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया है। सभी एजेंसियों के सहयोग से हम अभूतपूर्व प्रदर्शन करने में सफल रहे। अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो प्रयागराज में स्नान करने के बाद दर्शन के लिए गए। महाकुंभ बिना किसी बड़ी त्रासदी के संपन्न हुआ। हमने रेलवे के साथ तालमेल बनाकर काम किया। स्नान के दिनों में 5 लाख से अधिक लोगों ने रेल सेवाओं का उपयोग किया जबकि अन्य दिनों में यह संख्या 3-4 लाख रही। हमें पूरी आस्था थी और जैसा कि मैंने पहले कहा था, यह हमारे लिए एक चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर था।