‘ध्यान-साधना अंधविश्वास नहीं, विज्ञान है’
ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि उत्सव में बोले गृहमंत्री
कोयंबटूर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने साबित कर दिया है कि ध्यान और साधना की अवस्थाएं कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि विज्ञान हैं। उन्होंने कहा कि सद्गुरु पूरी दुनिया को जीने का तरीका सिखा रहे हैं। सद्गुरु के माध्यम से पूरी दुनिया को सनातन का ज्ञान समझ में आता है कि स्वयं को समझना ही सच्चा ज्ञान है और संसार को बदलने का रास्ता स्वयं को बदलने से ही शुरू होता है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन की ओर से आयोजित महाशिवरात्रि उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सभी को यह अहसास करा दिया है कि शिव शाश्वत हैं और चेतना का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां आकर हमें पता चलता है कि जीवन का अंतिम लक्ष्य शिवत्व की प्राप्ति करना है। उन्होंने कहा कि ईशा योग केंद्र, लोगों, विशेषकर युवाओं को ईश्वर से जोड़ने का माध्यम बन गया है।
सद्गुरू ने योग नया रूप दिया
शाह ने कहा कि सद्गुरु ने आदियोगी के माध्यम से योग को एक नया रूप देने का काम किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व योग दिवस मनाकर पूरी दुनिया को योग के प्रति आकर्षित करने का काम किया है। जग्गी वासुदेव के मिट्टी बचाओ मिशन के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए शाह ने कहा कि सद्गुरु ने हमारी सबसे अमूल्य धरोहर हमारी मिट्टी के संरक्षण के लिए देशव्यापी जागरूकता पैदा की है और दुनिया का पर्यावरण संरक्षण का गहन संदेश दिया है।
यहां भक्ति का महाकुंभ दिख रहा
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, प्रयागराज में महाकुंभ का समापन हो रहा है और मैं यहां भक्ति का महाकुंभ देख रहा हूं। यह स्थान सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं है बल्कि ये योग, साधना, भक्ति, आत्मज्ञान और मुक्ति का केंद्र बनकर पूरे विश्व में उभरा है। यहां आकर व्यक्ति चेतना से ब्रह्मचेतना, स्वार्थ से परमार्थ और स्वयं से ब्रह्मांड तक की यात्रा का अनुभव कर सकता है। आदियोगी की 112 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा हमें अपनी आध्यात्मिक यात्रा के 112 मार्गों की अनुभूति और परिचय कराती है।