एआई के कारण तीन साल में 4,000 छंटनी करेगा डीबीएस

 कॉफी डे के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया फिर से शुरू
नई दिल्ली। ग्लोबल बैंकिंग ग्रुप डीबीएस तीन वर्षों में 4,000 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रहा है। इसकी प्रमुख वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाना है। निकाले जाने वाले कर्मचारियों का यह आंकड़ा डीबीएस समूह के कुल कार्यबल का 10 फीसदी है।
डीबीएस के सीईओ पीयूष गुप्ता ने सोमवार को नैसकॉम के कार्यक्रम में कहा, एआई अतीत में अपनाई गई किसी भी तकनीक से अलग है। इसका इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, डीबीएस समूह में अपने 15 वर्ष से अधिक के कार्यकाल में पहली बार उन्हें नई नौकरियां सृजित करने में संघर्ष करना पड़ रहा है।

क्रेडिफिन देगी 300 से अधिक नौकरियां
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्रेडिफिन अगले दो महीने में 300 से अधिक लोगों की भर्तियां करेगी। कंपनी ने कहा, वह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपने परिचालन का विस्तार कर रही है। इसके लिए श्रमबल बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।
आदेश पारित नहीं करने से कॉफी डे के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया फिर से शुरू
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित 21 फरवरी की समयसीमा के भीतर आदेश नहीं करने के कारण कैफे कॉफी डे शृंखला का स्वामित्व रखने वाली कॉफी डे एंटरप्राइजेज लि. (सीडीईएल) के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।

सीडीईएल ने बताया, एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने पिछले सप्ताह अपने निलंबित बोर्ड के निदेशक की ओर से दायर अपील पर सुनवाई पूरी कर ली थी और आदेश सुरक्षित रख लिया था। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अपील का निपटारा 21 फरवरी, 2025 तक नहीं हुआ है, इसलिए कॉरपोरेट देनदार के कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) पर रोक के संबंध में एनसीएलएटी के पारित आदेश को निरस्त माना जाता है। इसलिए, कॉरपोरेट देनदार का सीआईआरपी फिर शुरू होता है। एनसीएलएटी ने 14 अगस्त, 2024 को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज की याचिका पर सीडीईएल के खिलाफ शुरू की गई दिवालिया कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
जमा खाते से 25,000 रुपये तक निकाल सकेंगे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहक
आरबीआई ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों बाद शर्तों में ढील दी। इसके तहत, बैंक के ग्राहक 27 फरवरी से अपने जमा खाते से 25,000 रुपये तक निकाल सकेंगे। आरबीआई ने सोमवार को कहा, प्रशासक के परामर्श से बैंक की नकदी स्थिति की समीक्षा करने के बाद 27 फरवरी से प्रति जमाकर्ता 25,000 रुपये तक की निकासी की अनुमति देने का फैसला लिया गया है। इस छूट के साथ, कुल जमाकर्ताओं में 50 फीसदी से अधिक अपनी पूरी शेष राशि निकाल सकेंगे।

आरबीआई ने मुंबई आधारित कोऑपरेटिव बैंक पर निगरानी संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए 13 फरवरी को कई प्रतिबंध लगाए थे। साथ ही, बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर कामकाज के प्रबंधन के लिए एसबीआई के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त कर दिया।
शहरी सहकारी बैंकों के लिए नियमों में संशोधन अब अधिकतम तीन करोड़ तक दे सकेंगे कर्ज
आरबीआई ने परिचालन को बेहतर बनाने के लिए सोमवार को शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए कुछ मानदंडों में संशोधन किया है। इसके तहत, यूसीबी अब 25 लाख रुपये (28,842.71 डॉलर) या टियर-1 पूंजी के 0.4 फीसदी (जो भी अधिक हो) तक के कर्जों को छोटे मूल्य वाले ऋण के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। साथ ही, प्रति उधारकर्ता अधिकतम तीन करोड़ रुपये तक का कर्ज दे पाएंगे। इस संशोधन से पहले शहरी सहकारी बैंक 25 लाख रुपये या टियर-1 पूंजी के 0.2 फीसदी तक के कर्जों को छोटे मूल्य के ऋण में वर्गीकृत कर सकते थे। साथ ही, प्रति उधारकर्ता कर्ज देने की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये कर दिया गया है। आरबीआई ने इन बैंकों के लिए आवासीय कर्ज की सीमा को भी बढ़ाकर कुल ऋण-जमा का 25 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा, यूसीबी के विभिन्न स्तरों के लिए व्यक्तिगत आवासीय कर्ज सीमा को संशोधित कर 60 लाख से लेकर तीन करोड़ रुपये कर दिया है। रियल एस्टेट क्षेत्र में इन बैंकों का निवेश 5 फीसदी तक सीमित है।