जम्मू कश्मीर: टेरर लिंक मामले में 3 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने टेरर लिंक के चलते जम्मू कश्मीर के 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त कर्मचारियों में जम्मू कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल फिरदौस भट्ट भी शामिल है, जो पुलिस में रहते लश्कर के लिए काम करता था।
सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद एक्शन
जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग के एक अर्दली समेत 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
हर अपराधी को चुकानी होगी कीमत
पिछले 13 फरवरी को मनोज सिन्हा ने कहा था कि “आतंकवाद के हर अपराधी और समर्थक को इसकी कीमत चुकानी होगी। हमें विश्वसनीय खुफिया जानकारी से लैस होने और आतंकवादियों को बेअसर करने तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है।
फिरदौस अहमद भट पुलिस में रहकर आतंकियों की कर रहा था मदद
फिरदौस अहमद भट2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि कांस्टेबल के रूप में पुष्टि किए जाने के बाद फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया।
जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।