क्या कश्मीर में BJP की B-टीम साबित होंगे इंजीनियर राशिद:जेल से छूटकर बोले- उमर दोनों सीट हारेंगे, महबूबा से शर्त पर गठबंधन

‘मुझे CM बनने का कोई लालच नहीं है। हमें 40 सीटें चाहिए, ताकि दिल्ली में प्रधानमंत्री के घर के बाहर प्रोटेस्ट कर सकें। ये ऐतिहासिक होगा अगर हमारी पार्टी के कैंडिडेट जीतें और सरकार बनाएं। तब मैं केंद्र सरकार से ऐसी-ऐसी चीजें मोल-तोल करूंगा, जिसकी कश्मीर के लोगों ने कल्पना नहीं की होगी।’

ये शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद हैं। इंजीनियर राशिद की पहचान तीन वजहों से है। जम्मू-कश्मीर की अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष हैं, टेरर फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में हैं और जेल में रहते हुए पूर्व CM उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे लीडर्स को हराकर बारामूला सीट से सांसद बने हैं। राशिद कहते हैं कि उमर विधानसभा चुनाव भी हारेंगे। महबूबा का साथ देने के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्तों पर।

इंजीनियर राशिद करीब 5 साल बाद कश्मीर लौटे हैं। उन्हें चुनाव प्रचार के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मिली है। 11 सितंबर को राशिद तिहाड़ से बाहर आए और अगले दिन श्रीनगर पहुंचे। आते ही जमीन पर सजदा किया। बारामूला में उनकी रैली में हजारों लोग पहुंचे। साफ है राशिद के आने से कश्मीर का सियासी माहौल अचानक बदल गया है।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। आर्टिकल-370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। वोटिंग तीन फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी।